
बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने संगठन को मजबूत करने के लिहाज से समीक्षा बैठक की. बैठक में मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को प्रदेश के 18 मण्डलों की मण्डलवार समीक्षाओं और मौजूदा राजनैतिक हालातों के हिसाब से आगे के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए.
इस दौरान उन्होंने कहा कि इन बैठकों के दौरान प्राप्त फीडबैक के अनुसार सरकार द्वारा हर आवश्यक वस्तुओं की खरीद पर भारी जीएसटी टैक्स लगाए जाने के कारण भी बढ़ती महंगाई लोगों को उत्तेजित कर रही है. साथ ही, जीएसटी टैक्स की वसूली के वार्षिक टारगेट को पूरा करने के क्रम में व्यापारी वर्ग प्रताड़ित किये जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि व्यापारियों से जबरन वसूली एक तरह से उनका मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न है. इससे व्यापारी वर्ग न केवल सरकार से काफी नाराज है बल्कि आक्रोशित और आन्दोलित भी है. बसपा प्रमुख मायावती ने OBC आरक्षण को लेकर कहा कि यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के कानूनी तौर से नहीं लागू कर पाने के लिए यूपी सरकार ही पूरे तौर पर कसूरवार है.
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अगर पहले ही आयोग गठित करके ट्रिपल सर्वे का जरूरी कार्य समय पर करा लिया गया होता तो आज इनके ओबीसी-विरोधी होने की खराब नौबत ही नहीं आती. भाजपा को, उत्तर प्रदेश के समग्र व अपेक्षित विकास के लिए सरकार को अपना धन्नासेठ समर्थक तथा गरीब, दलित, ओबीसी, मुस्लिम व बहुजन समाज-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरा को त्यागना बहुत जरूरी है.