COVID महामारी से प्रभावित बच्चों की शिक्षा को लेकर केंद्रीय विद्यालय संगठन ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय विद्यालय संगठन ने उन बच्चों को प्रवेश देने का फैसला किया है, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में कोरोना वायरस के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है. पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत शुरू किए गए इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को इस घातक बीमारी से खो दिया है, उनकी बुनियादी स्कूली शिक्षा पूरी हो सके.
केवीएस (KVS) द्वारा जारी प्रवेश दिशा-निर्देशों के अनुसार, COVID-19 महामारी के कारण अनाथ बच्चों को कक्षा की संख्या से अधिक प्रवेश के लिए पात्र माना जाएगा. यहां ये भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह योजना उन बच्चों पर भी लागू होगी जिन्होंने पिछले दो वर्षों में COVID के कारण अपने दत्तक माता-पिता या कानूनी अभिभावकों को खो दिया है.
कक्षा I-XII के लिए यह प्रवेश जिलाधिकारी द्वारा दी गई सूची के आधार पर किया जाएगा. जिसमें प्रति कक्षा अधिकतम 2 बच्चों सहित प्रति शाखा 10 से अधिक बच्चे शामिल नहीं होंगे. गौरतलब है कि लखनऊ में केंद्रीय विद्यालयों की 13 शाखाएं हैं. प्रति शाखा 10 बच्चों की अधिकतम सीमा के अनुसार शहर में कुल 130 बच्चे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.