
शुक्रवार को यूपी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में राष्ट्रीय पोषण माह-2022 कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर महिला कल्याण, बाल विकास पुष्टाहार राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, सचिव महिला एवं बाल विकास अनामिका सिंह समेत शासन-प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री उपस्थित रहे.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल मार्गदर्शन में देश में राष्ट्रीय पोषण माह मजबूती के साथ आगे बढ़ा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने भी इस दिशा में बड़ी सफलता हांसिल की है. उन्होंने कुपोषण को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर मां स्वस्थ होगी तो स्वभाविक रूप से हमारा वर्तमान स्वस्थ होगा और इसीलिए उन्होंने 501 आंगनवाड़ी केन्द्रों का लोकार्पण तथा 199 आंगनवाड़ी केन्द्रों का शिलान्यास किया है.
सीएम योगी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि जब किशोरी, कन्या या बालक कुपोषण से मुक्त होकर सुपोषित होगा तभी हमारा बचपन स्वस्थ होने के साथ ही समाज और राष्ट्र भी स्वस्थ और सशक्त बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर होगा. सीएम योगी आदित्यतनाथ ने कुपोषण के खिलाफ अपनी सरकार के कामों को भी इस दौरान गिनाया.
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों की कार्यकारी क्षमता बढ़ाने के लिए साथ ही गृह भ्रमण में परामर्श की गुणवत्ता हेतु ‘सक्षम’ (पोषण मैनुअल) का तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा विगत 05 साल की उपलब्धियों पर आधारित विषयक पुस्तिका ‘सशक्त आंगनवाड़ी’ का विमोचन किया गया.
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान आगे कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए ‘सहयोग’ मोबाइल ऐप और 3 से 6 साल के बच्चों के लिए ईसीसीई आधारित ‘बाल पिटारा’ मोबाइल ऐप को लॉन्च किया गया. सीएम योगी ने अपने संबोधन के दौरान ‘दुलार’ नाम के एक कार्यक्रम का जिक्र किया जिसके बारे में उन्होंने बताया कि दूरभाष पर बच्चों की गतिविधियों पर आधारित यह एक सीखने-सिखाने की प्रणाली है.
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि साल 2017 में राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वे में उत्तर प्रदेश सबसे पिछड़े राज्यों में से एक था और यह प्रदेश सरकार के सामने एक चुनौती बनी हुई थी. उन्होंने बताया कि कैसे पिछले 05 वर्षाें में प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयास और कार्याें से आज एनीमिया के स्तर में सुधार हुआ है और राज्य ने इस सर्वे में बेहतर परिणाम दिए.
अपने बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करते हुए यूपी राष्ट्रीय औसत के पास पहुंच गया है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार के काम और स्वास्थ्य से जुड़े आंकड़े यह दर्शा रहे हैं कि प्रदेश सरकार सही दिशा में प्रयासरत है.