यूट्यूब को द्रोणाचार्य मानकर इस ‘एकलव्य’ ने पेंसिल से शक्लें उकेरना सीख लिया

महाभारतकाल में एकलव्य ने द्रोणाचार्य की मिट्टी की मूरत बनाकर उनसे धनुर्विद्या सीखी और वह अर्जुन से बड़ा धनुर्धारी हो गया. ठीक इसी तरह कला के क्षेत्र में 15 साल के अनंत शर्मा का गुरू बना है यूट्यूब. कागज पर पेंसिल चलाने के हुनर की बारीकियों को अनंत ने यूट्यूब पर मिले ज्ञान से चमकाया और कड़े अभ्यास के बूते अब वह पलक झपकते ही कैनवास पर शक्लें उकेर देते है. अनंत महज 15 साल के है और 9वीं कक्षा के छात्र है.

मेरठ के गंगासागर कालोनी के निवासी अनंत शर्मा की दिलचस्पी पढ़ाई-लिखाई में है. उनके पसंदीदा सब्जेक्टस है कैमिस्ट्री और बायोलॉजी. बाबजूद इसके बीते 2-3 साल से उनका झुकाव कागज पर पेंसिल की मदद से आकृतियों को उकेरने में हो गया. फोन पर किसी कार्टून चरित्र को देखकर उन्होने उसे कागज पर लाना शुरू किया. इस प्रयास में उन्हें कामयाबी मिली तो इस ओर उनकी दिलचस्पी और बढ़ गयी.

यूं तो उन्हें पढ़ाई से ही फुरसत नही मिलती थी लेकिन जब कोरोना लॉकडाउन हुआ तो उन्होने इस विधा का ज्ञान खोजने के लिए यूट्यूब का सहारा लिया. कुछ नामी चित्रकारों के यूट्यूब चैनल्स देखकर उन्होने चित्रकारी की बारीकियां सीखना शुरू किया. उनकी दिलचस्पी शक्लें उकेरने में ज्यादा रहने लगी. उन्होने इसे लेकर भी यूट्यूब खंगाला.

करीब एक-डेढ़ साल की प्रैक्टिस के बाद अब अनंत की उंगलियां चंद मिनटों में ही किसी के चेहरे के उतार-चढ़ाव कागज पर प्रिंट कर देती है. किसी पोट्रेट को फाइनल टच देने में करीब 2 घंटे का समय लगता है लेकिन अनंत जब पेंसिल के सहारे कैनवास पर किसी का चेहरा उतारते है तो शुरूआत में ही आप समझ जायेगे कि यह किसकी शक्ल है.

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अनंत ने अब तक देश-विदेश की सैकड़ों नामचीन हस्तियों के पोट्रेट तैयार किये है. इनमें बॉलीबुड के रनबीर कपूर से लेकर हॉलीबुड की नायिका स्कारलेट जॉनसन तक शामिल है. बॉलीबुड की डीसी का बेटमेन अनंत ने चारकोल पेंसिल से तैयार किया है. उसे देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने कैमरे से फोटो खींचकर प्रिंट कर दिया हो. अनंत ने अमेरिकन सिंगर टेलर स्विफ्ट की भी तस्वीर कैनवास पर उकेरी है. इसी तरह गुरू रविन्द्रनाथ टैगोर से लेकर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर तक के पोट्रेट अनंत के अर्काइव में मौजूद है.

अनंत अब अपनी इस विधा को धीरे-धीरे और चमकाते जा रहे है. इस कला को लेकर उनका आत्मविश्वास देखते ही बनता है. कैरियर को लेकर स्क्रैचिंग अभी उनके फ्यूचर प्लान में शामिल नही है. इसे वह एक हॉवी की तरह देखते है. फिलहाल वह चाहते है कि पढ़ाई की मुख्यधारा के साथ यह कला उनके पेशेवर विकल्पों में शामिल रहे. अनंत की इस महारत के लिए उन्हें अपने स्कूल केन्द्रीय विद्यालय डोगरा लाइन से भी सम्मानित किया जा चुका है. राज्य और राष्ट्रीय स्तर की पैंटिग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए भी वह खुद को तैयार कर चुके है.

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