क्रांतिधरा पर कायरता: चाचाओं ने मिलकर सरेबाजार काट डाली भतीजे की गर्दन, तमाशा देखती रही कायर भीड़

मेरठ में रविवार दोपहर भीड़ भरे बाजार में एक युवक की चाकुओं से काटकर हत्या कर दी गई. तीन हमलावरों ने उसे पहले दौड़ाया और फिर ताबड़तोड़ चाकू मारे. घायल सड़क पर तड़पता रहा लेकिन कातिलों का दिल नहीं पसीजा. एक हमलावर ने उसकी गर्दन पर चाकू चलाया और उसे हलाक कर डाला. यह घटना क्रांतिधरा कहे जाने वाले मेरठ की धरती पर हुई जहां मूकदर्शक बनी भीड़ तमाशा देखती रही.

सीसीटीवी में हत्या की पूरी घटना कैद हुई है. एक युवक को तीन हमलावर चाकू लेकर सड़क पर दौड़ा रहे हैं. उसे एक जगह गिरा लिया जाता है. फिर उसके ऊपर चाकुओं से ताबड़तोड़ वार किए जाते हैं. जब हमलावरों का दिल भर गया तो वह वहां से चल दिए. घायल सड़क पर खुद को घसीटता हुआ मदद के लिए चीखता है लेकिन तभी लाल शर्ट पहले हमलावर लौटता है और घायल की गर्दन पर चाकू रखकर उसे हलाक कर देता है. घायल तड़फ़ते हुए सांसे छोड़ देता है.

ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के इस्तफ़ाकनगर के चौराहे पर यह वारदात हुई. इस दौरान वहां गुजरते और रुके हुए लोगों की भीड़ तमाशबीन बनी रही. किसी ने साहस नहीं किया जो आगे बढ़कर हमलावरों को ललकार सके. जब घायल ने दम तोड़ दिया तो काफी समय बाद मौके पर पुलिस पहुंची और घायल को अस्पताल पहुंचाया गया. डॉक्टरों ने घायल को मृत घोषित कर दिया.

पुलिस के मुताबिक मृतक का नाम साजिद था और वह लिसाड़ीगेट थाना इलाके के फिरोजनगर घंटेवाली गली में रहता था. रविवार दोपहर वह किसी काम से ब्रह्मपुरी में गया था. जहां उसके पीछे उसका चाचा शहजाद अपने 2 भाइयों नौशाद उर्फ लालू और बबलू के साथ पहुंच गया और उसने साथियों संग मिलकर इस हत्या की वारदात को दिनदहाड़े सरे बाजार अंजाम दे डाला. पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हुई है.

क्रांतिधरा क्या कायरों का शहर हो गई है-
1857 की क्रांतिधरा मेरठ आज कायरों का शहर साबित हुई. मौका-ए-वारदात पर कितने ही लोग आ जा रहे थे. कुछ रिक्शेवाले भी थे कुछ युवा भी खड़े थे. लेकिन साजिद की मौत का सब तमाशा देखते रहे. जिस सरजमी के वाशिंदों ने अंग्रेजो को मार-मार कर भगा दिया था, उस खून में आज उबाल देखने को नहीं मिला. हमलावर तसल्ली से वारदात को अंजाम देते रहे. थोड़ा आगे भी चले गए और फिर लौटे. साजिद पर आखिरी प्रहार किया और आसानी से फरार हो गए. भीड़ के बीच कोई शोर मचाने वाला भी नहीं दिखा.

डेढ़ सौ गज के प्लॉट का विवाद बना हत्या का कारण-
साजिद बेहद गरीब था और दूध बेच कर अपने परिवार का पेट पालता था. कुछ दिन पहले उसकी मां की मौत हो गई थी. इलाके के घंटेवाली गली में उसके पास एक डेढ़ सौ गज का प्लॉट है. साजिद के चाचा शहजाद, नौशाद उर्फ लालू और बबलू इस प्लॉट पर अपना हक जमा रहे थे. लेकिन साजिद इसका विरोध कर रहा था. इसी प्लॉट को हड़पने की के लिए तीनों चाचाओं ने मिलकर दिनदहाड़े साजिद की हत्या कर दी.

आरोपी फरार, परिजन पुलिस ने हिरासत में लिए-
मेरठ कोतवाली क्षेत्र के सीओ अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि आरोपियों की शिनाख्त कर ली गई है. पुलिस ने परिजनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. जो आरोपी सीसीटीवी में दिख रहे हैं वह फिलहाल फरार हैं. सभी आरोपियों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है. जल्द ही सभी की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी.

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