सोमवार को लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति बनी रही। सरकार अपनी स्थिति पर अड़ी रही कि 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने पर तभी विचार किया जा सकेगा जब तक वो माफी नहीं मांग लेते। सोमवार को सदन में विपक्ष ने एक बार फिर हंगामा खड़ा किया जिससे सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
विपक्ष लगातार निलंबित 12 सांसदों के सदन में वापसी की मांग उठा रहा है लेकिन सरकार और विपक्ष दोनों में से कोई भी पक्ष नरम रुख अख्तियार करने को तैयार नहीं है। सोमवार को भी विपक्ष ने 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग उठाकर लोकसभा की कार्यवाही को बाधित कर दिया। बाद में, एनडीए (NDA) के फ्लोर मैनेजर्स ने मीडिया को बताया कि साल 2010 में भी राज्यसभा में विपक्ष के तत्कालीन नेता अरुण जेटली ने उन निलंबित सांसदों की ओर से खेद व्यक्त किया था, जो बीजेपी से नहीं थे।
सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष ने बैठक के बारे में सूचित करने में देरी और लोकसभा में चुनावी सुधार विधेयक को पारित करने के तरीके का विरोध करने का आरोप लगाते हुए कार्य मंत्रणा समिति की बैठक का बहिष्कार किया। विपक्षी सांसदों ने कहा, ”जबकि बैठक शाम 5:30 बजे ही बुलाई गई थी, उन्हें इसके बारे में कम जानकारी देते हुए सूचना दी गई थी।
चुनावी सुधार विधेयक को लेकर विपक्ष इसे संसदीय समिति द्वारा जांच किये जाने की संस्तुति कर रहा है। बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा में चुनावी सुधार विधेयक पेश किए जाने की संभावना है, जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सभी सांसदों को पूरे दिन सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है।