तीसरी तिमाही की तुलना में चौथी तिमाही की GDP कम, 4.1 फीसद की बढ़ोत्तरी के साथ पूरे साल की GDP 8.7%

NSO ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 8.9 प्रतिशत की GDP वृद्धि का अनुमान लगाया था. वहीं इससे पहले चौथी तिमाही के लिए SBI ने GDP वृध्दि दर 2.7 फीसदी,क्रिसिल ने 4.5 फीसदी और इक्रा ने 3.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस वृद्धि ने वार्षिक विकास दर को बढ़ाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया. हालांकि, जनवरी-मार्च की अवधि में यह वृद्धि, वित्त वर्ष 2021-22 की पिछली अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 5.4 प्रतिशत के विस्तार की तुलना में कम थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 की इसी जनवरी-मार्च अवधि में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. आंकड़ों के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वहीं 2020-21 में 6.6 प्रतिशत संकुचन हुआ था.

NSO ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 8.9 प्रतिशत की GDP वृद्धि का अनुमान लगाया था. वहीं इससे पहले चौथी तिमाही के लिए SBI ने GDP वृध्दि दर 2.7 फीसदी,क्रिसिल ने 4.5 फीसदी और इक्रा ने 3.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. बहरहाल, भारत की मौजूदा GDP 8.7 फीसद है जो तीसरी तिमाही 5.4 प्रतिशत की तुलना में कम यानी 4.1 प्रतिशत है.

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