
लखनऊ. 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने माना है कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमों का ठीक से पालन नहीं हुआ है। हाईकोर्ट ने 6800 शिक्षकों की चयन सूची को रद्द करते हुए। 1 जून 2020 को जारी चयन सूची के रिव्यू के आदेश दिये हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 3 महीने का समय दिया है। इस दौरान चयनित शिक्षकों को हटाए न जाने के भी आदेश दिये हैं।
69 हज़ार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि आरक्षण तय करते समय नियमों का ठीक से पालन नहीं हुआ है। 1 जून 2020 को जारी चयन सूची का रिव्यू किया जाए। हाईकोर्ट ने 5 जनवरी 2022 को जारी 6800 शिक्षकों की चयन सूची को रद्द किया है। हाईकोर्ट ने कहा रिव्यू करते समय 50 फ़ीसदी से अधिक आरक्षण न हो।
हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि सरकार रिव्यू से प्रभावित होने वाले शिक्षकों के समायोजन की नीति बना सकती है। तीन महीने में कवायद पूरी की जाए। तब तक पहले से काम कर रहे शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा।
हाई कोर्ट ने सरकार को 3 महीने में पूरी लिस्ट सही करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की बात को सही माना है। लखनऊ हाई कोर्ट ने माना की भर्ती में आरक्षण का घोटाला हुआ है। बता दें, 8 दिसंबर 2022 को लखनऊ हाई कोर्ट ने आरक्षण घोटाले पर आर्डर रिजर्व किया था।