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गिरती मांग के बीच GST संग्रह पर नजर, वित्तीय साल के अंत में वृद्धि की उम्मीद

जम्मू-कश्मीर (-1 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (-3 प्रतिशत), मणिपुर (-18 प्रतिशत) और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव (-15 प्रतिशत) जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में Y-o-Y गिरावट देखी गई।

भारत में माल और सेवा कर (GST) संग्रह ने मार्च 2025 में साल दर साल (Y-o-Y) 7.3 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की, जो ₹1.76 ट्रिलियन तक पहुंच गया। सरकार द्वारा सोमवार को जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, यह फरवरी 2025 के ₹1.62 ट्रिलियन से अधिक था, जिसमें 8.1 प्रतिशत Y-o-Y वृद्धि देखने को मिली थी।

सकल GST संग्रह – जो रिफंड समायोजन से पहले का आंकड़ा है – मार्च में 9.9 प्रतिशत बढ़कर ₹1.96 ट्रिलियन तक पहुंच गया।

रिफंड में वृद्धि
घरेलू रिफंड में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कुल रिफंड, जिनमें आयात पर रिफंड भी शामिल हैं, 41.2 प्रतिशत बढ़कर ₹0.19 ट्रिलियन हो गए। आयात रिफंड में 201.9 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई।

अप्रैल-मार्च FY25 अवधि के दौरान कुल रिफंड में 16.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह ₹2.52 ट्रिलियन तक पहुंच गया। वहीं, FY25 के दौरान सकल GST संग्रह में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो FY24 के 11.7 प्रतिशत से धीमी गति से बढ़ी।

नेट GST संग्रह में वृद्धि
नेट GST संग्रह में FY25 में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो बजट में दी गई 10.9 प्रतिशत की संशोधित वृद्धि अनुमान से कम रही।

विश्लेषकों की प्रतिक्रियाएं

KPMG के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख और पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि सकल GST संग्रह में पिछले साल की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि भारत की आर्थिक स्थिरता और कंपनियों द्वारा मजबूत कर अनुपालन को दर्शाती है। “वित्तीय वर्ष अंत में समायोजन और सुलह प्रक्रिया जारी है, इसके बाद अगले संग्रह में माह दर माह (M-o-M) वृद्धि देखने को मिल सकती है,” जैन ने कहा।

PwC इंडिया के पार्टनर प्रतीक जैन ने नेट GST राजस्व संग्रह में एकल अंक वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मार्च में GST राजस्व संग्रह में एकल अंक वृद्धि सरकार के लिए चिंता का विषय हो सकती है, हालांकि यह आंशिक रूप से पिछले साल की तुलना में अधिक रिफंड के कारण प्रतीत होता है। इससे यह संकेत मिलता है कि GST ऑडिट और जांच में अधिक सख्ती लाई जा सकती है। उपभोग में धीमी गति भी एक क्षेत्र है जिसे संबोधित करने की आवश्यकता है।”

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का प्रदर्शन

कुछ राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में मार्च 2025 में वर्ष दर वर्ष (Y-o-Y) डबल डिजिट वृद्धि देखी गई, जिनमें त्रिपुरा (32 प्रतिशत), बिहार (30 प्रतिशत), सिक्किम (30 प्रतिशत), मेघालय (26 प्रतिशत) और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (60 प्रतिशत) शामिल हैं।

वहीं, जम्मू-कश्मीर (-1 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (-3 प्रतिशत), मणिपुर (-18 प्रतिशत) और दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव (-15 प्रतिशत) जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में Y-o-Y गिरावट देखी गई।

EY के कर साझेदार सौरभ अग्रवाल ने कहा, “बिहार, त्रिपुरा, मेघालय, छत्तीसगढ़, गोवा, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार जैसे राज्यों में GST संग्रह में वृद्धि यह दर्शाता है कि देशभर में आर्थिक विस्तार संतुलित रूप से हो रहा है।”

यह आंकड़ा यह संकेत करता है कि देश में GST संग्रह में सामान्य वृद्धि जारी है, लेकिन कुछ राज्यों में विशिष्ट क्षेत्रीय समस्याएं और वृद्धि में असमानता भी स्पष्ट हो रही है।

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