ज्ञानवापी विवाद: कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया गया, सूचना लीक करने का आरोप…

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के मामले में कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया गया है। मीडिया में सूचनाएं लीक करने की वजह से उनपर यह कार्रवाई की गई है। अब विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इसके लिए दो दिन का समय दिया गया है।

मस्जिद कमेटी ने याचिका में सिविल कोर्ट का आदेश 1991 के प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ है। 1991 में दायर मुकदमे में HC सर्वे पर रोक लगा चुका है,इसलिए नए मुकदमे में(2021 में दाखिल)जारी कार्रवाई ग़ैरकानूनी है। याचिका में कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिंदू पक्षकारों की मर्जी के मुताबिक सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया गया। याचिका में 21 अप्रैल के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी गई है। 21 अप्रैल को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने कहा था कि साक्ष्य जमा करने के लिए यदि कमीशन भेजा गया है तो इससे याची के अधिकारी का उल्लंघन नहीं होता। कमीशन भेजना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं है।

ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे आज पूरा हो गया जसीके आबाद हिन्दू पक्षकार की तरफ से दावा किया गया कि मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि सर्वे में सच सामने आ गया है। अब कल वाराणसी की निकली अदालत में सर्वे की रिपोर्ट पेश होगी। वहीं हिन्दू पक्षकार की तरह से आज वाराणसी की निचली अदालत में याचिका दाखिल कर मस्जिद परिसर को सील करने की मांग किया।

हिन्दू पक्षकारों ने याचिका में कहा कि सर्वे में मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला है, जो महत्वपूर्ण साक्ष्य है ऐसे में शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील किया जाए और वज़ू करने पर भी रोक लगाई जाए। साथ ही मात्र 20 लोगो को ही नमाज़ पढ़ने की इजाज़त दी जाए। जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने वाली जगह को सील करने का आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि शिवलिंग मिलने वाली जगह को तत्काल सील किया जाए और किसी के वहां जाने पर पाबंदी लगाई जाए।

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के निचली अदालत के फैसले पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की पीठ के सामने 13 मई को मेंशनिंग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने तब ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर रोक का कोई आदेश करने से इनकार किया। अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी के वकील हुजैफा अहमदी ने मुख्य न्यायाधीश के सामने मेंशन करते हुए कहा कि आज निचली अदालत के फैसले पर कार्यवाई शुरू हो जाएगी।

इसलिए ममाले को आज सुना जाए। कम से कम मामले पर यथस्थिति बनाए रखने का आदेश जारी करे। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा अभी हमने पेपर नही देखा है। बिना पेपर देखे कोई आदेश जारी नही किया जा सकते। इसलिए याचिका पढ़ने के बाद सुनवाई करूंगा।

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