Hijab ban : कर्नाटक HC के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा SC, तीन जजों की बेंच गठित

मामले को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने शीर्ष अदालत में एक अंतरिम आवेदन दायर किया था. आवेदन के जरिए मीनाक्षी अरोड़ा ने उन लड़कियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति मांगी जो कर्नाटक उच्च न्यायालय के हिजाब प्रतिबंध के पक्ष में फैसले के कारण परीक्षा में बैठने से वंचित हो गईं थी.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हिजाब प्रतिबंध मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मामले के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन करेगी. सुप्रीम कोर्ट का यह बयान राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दायर होने के बाद आया है.

मामले को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने शीर्ष अदालत में एक अंतरिम आवेदन दायर किया था. आवेदन के जरिए मीनाक्षी अरोड़ा ने उन लड़कियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति मांगी जो कर्नाटक उच्च न्यायालय के हिजाब प्रतिबंध के पक्ष में फैसले के कारण परीक्षा में बैठने से वंचित हो गईं थी.

याचिका में वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने उन लड़कियों के मामलों का भी उल्लेख किया हैं जिन्हें स्कार्फ पहनने पर प्रतिबंध के कारण एक साल का नुकसान हुआ था. याचिका में आगे यह भी बताया गया है कि राज्य में छात्रों की प्रायोगिक परीक्षाएं आगामी छह फरवरी से शुरू हो रही हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा “कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के चलते कई लड़कियों को स्कूल छोड़ना पड़ा.”

अब जबकि प्रायोगिक परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होने वाली हैं, ऐसे में जरुरी है कि शीर्ष अदालत मामले का संज्ञान ले ताकि उन छात्रों का एक और वर्ष बर्बाद न हो.” इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा कि अदालत इसकी जांच करेगी और इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी. CJI ने कहा, “मैं मामले के लिए तीन जजों की बेंच का गठन करूंगा.”

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की दो-जजों वाली पीठ ने अक्टूबर 2022 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एक खंडित निर्णय दिया था. जिसने राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया था.

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