उत्तराखंड; हिमालय अपनी सुंदरता के साथ यहां पाई जाने वाली जड़ी-बूटियों के लिए भी जाना जाता है. हिमालय में कई ऐसी जड़ी बूटियां पाई जाती हैं जो असाध्य रोगों के लिए कारगर होती हैं. लेकिन अब इन जड़ी बूटियों का अस्तित्व खतरे में है. हिमालय औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटियों का भंडार है. लेकिन कुछ समय से यहां हो रहे जलवायु परिवर्तन का असर इन जड़ी-बूटियों पर देखने को मिल रहा है.
इस साल बेमौसम बरसात व बर्फबारी का असर इन कीमती जड़ी-बूटियों पर भी देखने को मिल रहा है. उच्च हिमालयी क्षेत्रों मे मई के महीनें में हो रही बर्फबारी को वैज्ञानिक औषधीय पौधों के लिए खतरे का संकेत मान रहे हैं. हिमालय में हो रहे मौसम परिवर्तन से यहां उगने वाली बेसकीमती जड़ी बूटि चोरू, जटामासी, कुटकी, अतीश, चिराइता, कूट, भूतकेशी समेत कई ऐसी जड़ी बूटियॉ हैं जिनका प्रयोग व्यवसायिक रूप में किया जाता है और अब इनका अस्तित्व संकट में है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार बर्फबारी, बारिश व ओलावृष्टी से अप्रैल व मई में यहां तापमान काफी कम हो गया है. जिससे इन औषधीय पौधों की ग्रोथ धीमी गति से हो रही है। अगर इन जड़ी-बूटियों की ग्रोथ धीमी रहेगी तो बीज बनने की प्रक्रिया भी कम हो जायेगी जिससे इन औषधीय जड़ी बूटियों पर संकट गहरा सकता है. इसका सीधा नुकसान इन जड़ी बूटियों की काश्तकारी करने वाले किसानों को तो होगा ही साथ ही हिमालय की एक बहुमूल्य संपदा भी विलुप्ती की कगार पर पहुंच जाएगी.