
Warship Himgiri. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) ने 31 जुलाई को भारतीय नौसेना को ‘हिमगिरि’ नाम का नया युद्धपोत सौंपा है। यह युद्धपोत GRSE द्वारा बनाए जा रहे प्रोजेक्ट 17A के तीन अत्याधुनिक फ्रिगेट्स में से पहला है। यह GRSE द्वारा निर्मित अब तक का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक जहाज़ है।
GRSE की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘हिमगिरि’ GRSE का 801वां पोत है। इसकी लंबाई 149 मीटर है और यह करीब 6,760 टन वजनी है। इसमें ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी उन्नत मिसाइलें, AESA रडार और अत्याधुनिक एयर, सी और सब-सर्फेस थ्रेट डिटेक्शन सिस्टम लगे हैं। यह डीजल इंजन और गैस टर्बाइन पर चलता है और युद्ध स्थितियों का सामना करने में सक्षम है।
इस युद्धपोत की पहली लॉन्चिंग 14 दिसंबर 2020 को हुई थी। अब इसे औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया है। ईस्टर्न नेवल कमांड के चीफ स्टाफ ऑफिसर (टेक्निकल) रियर एडमिरल रवनीश सेठ ने नौसेना की ओर से ‘हिमगिरि’ को स्वीकार किया।
GRSE अब तक 112 युद्धपोत बना चुका है, जो किसी भी भारतीय शिपयार्ड द्वारा बनाए गए युद्धपोतों की सबसे बड़ी संख्या है। प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए जा रहे तीनों युद्धपोतों की कुल लागत 21,833 करोड़ रुपये से अधिक है। यह प्रोजेक्ट भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बल दे रहा है क्योंकि इसका बड़ा हिस्सा MSMEs, स्टार्टअप्स और OEMs के माध्यम से खर्च हुआ है।









