
Coal Logistics Plan. केंद्रीय कोयला और खनिज मंत्री किशन रेड्डी ने सोमवार को संसद में जानकारी दी कि भारत ने 2024-25 वित्तीय वर्ष में कोयला आयात में लगभग 20.91 मिलियन टन की कमी की है, जिससे 60,681.67 करोड़ की विदेशी मुद्रा बचत हुई है। यह कदम भारत के कोयला आयात पर निर्भरता को कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया है।
मंत्री ने बताया कि 2024-25 में कुल 243.62 मिलियन टन कोयला आयात किया गया, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 264.53 मिलियन टन था। इस कमी के साथ-साथ सरकार का ध्यान अब घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने पर है, और मंत्रालय ने 2029-30 तक लगभग 1.5 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
कोयला लॉजिस्टिक योजना का शुभारंभ
मंत्री ने यह भी बताया कि मंत्रालय ने फरवरी 2024 में कोयला लॉजिस्टिक योजना और नीति शुरू की है, जिसका उद्देश्य देश में कोयला निकासी की क्षमता को बढ़ाना है। इस नीति के तहत कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।
आयातित कोयला आधारित संयंत्रों के लिए योजना
इसके साथ ही, आयातित कोयला आधारित संयंत्रों के लिए ‘विंडो-II’ के तहत कोयला प्राप्त करने की अनुमति दी गई है। इससे घरेलू कोयला की खपत बढ़ाने में मदद मिली है। मंत्रालय ने घरेलू कोयला की खपत को बढ़ावा देने के लिए एक इंटर-मंत्रालयी समिति (IMC) का गठन किया है, जो आयात कोयला आधारित संयंत्रों में घरेलू कोयला की आपूर्ति की संभावनाओं का मूल्यांकन करेगी।
रेलवे और FMC परियोजनाओं का निर्माण
सरकार ने कोयला आपूर्ति श्रृंखला में सुधार के लिए रेलवे लाइनों और पहले माइल कनेक्टिविटी (FMC) परियोजनाओं के निर्माण को प्राथमिकता दी है। इन परियोजनाओं के माध्यम से कोयला परिवहन में दक्षता बढ़ाई जाएगी।









