ऐतिहासिक ! अब भारतीय नौसेना में महिलाएं भी बन सकेंगी MARCOS, बतौर कमांडो कर सकेंगी देश की सेवा…

सेवा के विभिन्न चरणों में अगर महिला नौसैनिक, समुद्री कमांडो (MARCOS) बनने के लिए तय मानदंडों को चुनती हैं और उन्हें पूरा करती हैं तो वो भी (MARCOS) विशेष बल का हिस्सा बन सकती हैं. विशेष समुद्री अभियानों से लेकर युद्धपोत पर ड्यूटी देने तक, भारतीय नौसेना का कोई भी विंग अब महिलाओं को प्रतिबंधित नहीं करता है.

महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार के प्रयासों का सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है. आज महिलाएं समाज के हर क्षेत्र में अपनी प्रतीभा का प्रदर्शन कर रही है. भारतीय सशस्त्र बलों में भी आज महिलाओं के लिए तमाम अवसरों के द्वार खुले हैं. अभी हाल ही में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के जरिए सेना के तीनों अंगों में महिलाओं के प्रवेश को हरी झंडी दी गई है.

वहीं, सोमवार को भारतीय नौसेना ने अपने विशेष बलों में महिलाओं की नियुक्ति के दरवाजे खोलने का फैसला लिया. अब से महिलाएं पहली बार सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं (जल, थल और वायु) में बतौर कमांडो अपनी सेवाएं दे सकेंगी. भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने इस फैसले को भारत के सैन्य इतिहास में एक मील का पत्थर बताया है.

सेवा के विभिन्न चरणों में अगर महिला नौसैनिक, समुद्री कमांडो (MARCOS) बनने के लिए तय मानदंडों को चुनती हैं और उन्हें पूरा करती हैं तो वो भी (MARCOS) विशेष बल का हिस्सा बन सकती हैं. विशेष समुद्री अभियानों से लेकर युद्धपोत पर ड्यूटी देने तक, भारतीय नौसेना का कोई भी विंग अब महिलाओं को प्रतिबंधित नहीं करता है.

बता दें कि MARCOS की स्थापना फरवरी 1987 में हुई थी. MARCOS सभी प्रकार के वातावरण में काम करने में सक्षम नौसेना का विशेष बल है. कई विपरित परिस्थितियों में MARCOS कमांडोज ने समुद्र, हवा और जमीन पर अपनी असाधारण एवं अदम्य साहस का परिचय दिया है. MARCOS ने धीरे-धीरे अधिक अनुभव और कार्य कुशलता के साथ एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा हासिल की है.

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