उत्तराखंड का एकमात्र केंद्रीय पेट्रोरसायन इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान (CIPET) संस्थान छात्रों का भविष्य बनाने का बड़े-बड़े दावे करने के साथ अन्य राज्य के छात्रों को रोजगार परक शिक्षा प्रदान करता है। ऐसे में सरकार द्वारा दूर दराज के रहने वाले छात्रों के लिए छात्रावास की व्यवस्था की गई है। ऐसे में छात्रावास के मेस में छात्रों को कीड़े युक्त खाना परोसा जा रहा है। छात्रों के द्वारा इस मामले की शिकायत मौखिक रूप से कई बार प्रशासन को कर चुके हैं। लेकिन CIPET प्रशासन द्वारा इसकी लगातार अनदेखी की जा रही है।
खाद्य प्रशासन अधिकारी ने खाने की जांच की
गुरूवार को खाने में जब कीड़े मिले तो छात्रों का पारा चढ़ गया। इस मामले की शिकायत छात्रों के द्वारा खाद्य विभाग को दी गई। वहीं मौके पर पहुंचे खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार ने जब खाने की जांच की तो उसमें घुन पाए गए। खाद्य प्रशासन द्वारा टेस्टिंग के लिए खाने के सैंपल को लैब भेज दिया गया है। ऐसे में अगर लेब रिपोर्ट में कीड़ों की मात्रा से अधिक पायी जाती है तो खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा कैंटीन संचालक के खिलाफ मुकदमा कराया जाएगा।
संस्थान पर खड़े हो रहे सवाल
सूत्रों की माने तो CIPET संस्थान के हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की संख्या कम होने के बावजूद भी कागजों में छात्रों की संख्या को ज्यादा दिखाया गया है। इसके अलावा संस्थान के कैंटीन में पिछले पांच सालों से एक ही ठेकेदार को कैंटीन का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में लगातार छात्रों के सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे ठेकेदार को लेकर प्रशासन इतनी मेहरबान क्यों है, यह एक बड़ा सवाल संस्थान पर खड़ा करता है।