देश के प्रसिद्ध बारबर जावेद हबीब के खिलाफ मुजफ्फरनगर में अब मुकदमा दर्ज हो गया है. हिंदू महिला की हेयर कटिंग के दौरान उसके सिर में दो बार थूकने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर यह केस दर्ज किया है. मुजफ्फरनगर में क्रांति सेना और हिंदू जागरण मंच ने इस मामले में थाने में हंगामा किया और जावेद हबीब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
मुजफ्फनगर के गांव नरा जड़ौदा के किंग विला में मुहम्मद नौमान की ओर से हेयर कट ट्रेनिंग के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें पश्चिमी उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों से ट्रैनिग के लिए लोग पहुंचे थे. बागपत के बड़ौत की पूजा गुप्ता भी इन्हीं लोगो में शामिल थी.
ट्रेनिंग के दौरान पूजा गुप्ता को हेयर कट के लिए कुर्सी पर बिठाया गया. बालों की कटिंग करते वक्त जावेद हबीब ने बालों में पानी कम होने का बहाना बनाकर पूजा के बालों में दो बार थूक दिया. जावेद हबीब की इस हरकत से पूजा गुप्ता बुरी तरह आहत हुई और उन्होने कटिंग बीच में ही छोड़ दी. पूजा की कटिंग का वीडियो उनके पति ने शूट किया था.
पूजा के इस तरह कटिंग छोड़ने पर वहां मौजूद आयोजनों ने आपत्ति जताई लेकिन पूजा के विरोध की वजह समझने के बाद वहां जावेद हबीब की हरकत का विरोध हुआ. पूजा गुप्ता का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है. पूजा ने मुजफ्फरनगर पुलिस से मिलकर इस मामले में जावेद हबीब के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग की थी लेकिन पुलिस मामले को लटकाये रही.
हिंदू जागरण मंच और क्रांति सेना ने इस मामले में थाने पहुंचकर हंगामा किया और आंदोलन की धमकी दी. तब जाकर पुलिस ने पूजा गुप्ता की तहरीर पर महामारी और आपदा अधिनियम के तहत जावेद हबीब के खिलाफ मंसूरपुर थाने में केस दर्ज किया है. पुलिस ने इसमें पूजा गुप्ता के साथ हुई बेअदबी के मामले में कई धारा नही लगाई है.
केस दर्ज होने के बाद जावेद हबीब ने इंस्ट्राग्राम पर खुद को सही साबित करते हुए खेद व्यक्त किया है. उनका कहना है कि उन्होने यह सब प्रोफेशनल होने के नाते किया था. इससे अगर किसी को ठेस पहुंची है तो वह इसके लिए खेद व्यक्त करते है.
तीन पीढ़ियों से प्रसिद्ध बारबर है हबीब परिवार-
बारबरों की दुनियां में जावेद हबीब बड़ा नाम है. उनकी पीढ़ियां परंपरागत रूप से इस पेशे में रही है. अंग्रेजों के समय अंतिम वायसराय लार्ड माउंटबेटन से लेकर जवाहरलाल नेहरू तक की उनके पुरखों ने सेवा की है. उनका परिवार शामली के जलालाबाद कस्बे का रहने वाला था. 1940 में जावेद हबीब के दादा राष्ट्रपति भवन में बारबर नियुक्त किये गये. बारबर के तौर पर उनके पिता हबीब अहमद को इंदिरा गांधी भी पसंद करती थी.
बारबर परिवार की इस तीसरी पीढ़ी में जावेद हबीब ने लंदन के मोरिस स्कूल से बारबर की पढ़ाई की. वह कई राजनेता और फिल्मी हस्तियों के बाल कटिंग कर चुके है. दादा और पिता की तरह वह किसी नेता या हस्ती के निजी बारबर नही बने उन्होने अपने इस काम को कई राज्यों के सैकड़ो शहरों और कई देशों तक पहुंचाया है.
विवादों से राहत के लिए ज्वाइन की थी बीजेपी-
विवादों में रहने वाले जावेद हबीब इससे पहले हिंदू देवी-देवताओं पर 2017 के अपमान करने के लिए भी चर्चा में रह चुके है. उनके खिलाफ इस मामले में केस भी दर्ज किया गया था. 2019 में वह लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी से भी जुड़े लेकिन पार्टी का प्रचार करते नजर नही आये.