
ग्वालियर में कुछ हजार की नौकरी करने वाले एक शख्स को इनकम टैक्स विभाग ने करोड़ों की कर वसूली का नोटिस भेजा है। इस नोटिस में दिल्ली में रहकर निजी टेलीकॉम कंपनी में नौकरी करने वाले युवक को 113 करोड़ से ज्यादा के आयकर की वसूली की बात लिखी है। उसके खाते से 132 करोड़ का ट्रांजैक्शन बताया गया है।
खास बात यह है कि शहर के बहोड़ापुर इलाके में रहने वाला यह युवक कभी गुजरात के सूरत गया ही नहीं है। उसका पैन कार्ड लगाकर किन्हीं लोगों ने उसका अकाउंट मुंबई की एक्सिस बैंक में खोला और वहां 2011 से करोड़ों का लेन-देन हो रहा है। इससे पहले दिसंबर 2019 में भी इस युवक रवि गुप्ता को साढे़ तीन करोड़ रुपये की रिकवरी का नोटिस भेजा गया था। इसके बाद से ही युवक के कान खड़े हुए क्योंकि वो दिल्ली जाने से पहले इंदौर की एक कॉल सेंटर फर्म में मात्र 7000 रुपए की नौकरी करता था।
कॉल सेंटर में उसके सभी अकादमिक और अन्य दस्तावेज जमा हुए थे। संभावना है कि इंदौर से ही इस युवक के दस्तावेज किसी ने जालसाजी पूर्वक निकाले थे और उसके पैन कार्ड के आधार पर टिया ट्रेडर्स नामक हीरा कंपनी का अकाउंट मुंबई में खोला गया। तभी से आईटी विभाग की नजर में ग्वालियर का रवि गुप्ता चढ़ गया था। युवक को जैसे ही दिसंबर 2019 में साढे़ तीन करोड़ का नोटिस मिला था तो उसने इसकी शिकायत सबसे पहले पुलिस में कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत लेने से मना कर दिया।
इसके बाद सीबीआई एसपी भोपाल से वह मिला और इस नोटिस के बारे में बताया।सीबीआई ने इस युवक के मामले को ईओडब्ल्यू के पास भेज दिया ईओडब्ल्यू ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया और उसकी जांच फिलहाल चल रही है। इस मामले में फरियादी रवि गुप्ता के बयान भी हो चुके हैं ।इस बीच रवि गुप्ता ने आरबीआई और एक्सिस बैंक में भी अपनी कंप्लेंट नोट कराई है। हैरानी की बात यह भी है कि एक्सिस बैंक के मैनेजर ने खुद इस युवक को लिखित में दिया है कि उक्त अकाउंट रवि गुप्ता का नहीं है यह सस्पेक्ट अकाउंट है।
इसके इनकम टैक्स विभाग रवि गुप्ता को नोटिस भेजना नहीं भूल रहा है इस बार तो उसने हद ही कर दी अबकी बार आईटी विभाग ने रवि गुप्ता को 113 करोड़ से ज्यादा का नोटिस भेजा है और उसे 20 अप्रैल तक पैसे जमा कराने के निर्देश दिए हैं। अब परेशान होकर रवि गुप्ता ने प्रधानमंत्री कार्यालय में अपना शिकायती आवेदन भेजा है उसका कहना है कि यदि इसके बाद भी उसे राहत नहीं मिलती है तो फिर उसके बाद न्यायालय का ही रास्ता बचा है जिसकी उसने तैयारी शुरू कर दी है।