टिकट मिलते ही कैराना विधायक नाहिद हसन का सरेंडर, अब जेल की सलाखों के पीछे से लड़ेगें चुनाव

यूपी की आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले कैराना के समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन ने आज पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. नाहिद कई महीनों से फरार चल रहे थे. समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल की पहली लिस्ट में ही नाहिद हसन गठबंधन की ओर से कैराना के प्रत्याशी घोषित किये गये थे. नाहिद हसन की ओर से कल 14 जनवरी को विधानसभा कैराना से नामांकन पत्र भी दाखिल किया जा चुका है. 

पलायन जैसे विवादित मुद्दे के लिए बदनाम शामली की कैराना विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में नाहिद हसन समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव जीते थे. 11 महीने पहले नाहिद हसन ने अपने समर्थकों के लिए पुलिस के खिलाफ आवाज बुलंद की थी और पुलिस की मनमानी के विरोध में समर्थकों के साथ थाने का घेराव किया था. इस मामले में विधायक नाहिद हसन और उनकी मां पूर्व सांसद बेगम तबस्सुम हसन समेत 40 लोगो के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.

घटना के बाद नाहिद हसन समेत कई को पुलिस ने गुंडा एक्ट में निरूद्ध कर दिया. तब से नाहिद हसन फरार चल रहे थे. उनकी गैर मौजूदगी में उनकी बहिन ने क्षेत्र की जनता के बीच जाकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. समाजवादी पार्टी ने दो दिन पहले उन्हें कैराना से अपना प्रत्याशी घोषित किया था. माना जा रहा है कि पुलिस के हाथों नाहिद की गिरफ्तारी उनके चुनाव लड़ने की रणनीति का हिस्सा है. नाहिद जेल में रहते हुए कैराना से चुनाव लड़ेगें.

कौन है कैराना की हसन फैमिली-
गुर्जर मुस्लिम पहचान से विख्यात हसन फैमिली का सियासत से लंबा नाता है. नाहिद हसन के पिता मुनब्बर हसन दो बार यूपी विधानसभा के लिए चुने गये. 11वीं और 14 वीं लोकसभा के लिए वह कैराना से सांसद निर्वाचित हुए. 1998 में वह राज्यसभा के सांसद रहे और 2003 में यूपी विधान परिषद के सदस्य रहे. एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया था. कैराना लोकसभा के उपचुनाव में मुनब्बर हसन की पत्नी बेगम तबस्सुम हसन सांसद निर्वाचन हुई. नाहिद हसन 2017 में दूसरी बार कैराना से विधायक निर्वाचित हुए थे.

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