कर्नाटक हिजाब विवाद : सुप्रीम कोर्ट का फिर जल्द सुनवाई से इनकार, कहा – ‘इसे ना बनाएं राष्ट्रीय मुद्दा’

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने आगे कहा कि हमारी पूरी घटनाक्रम पर नजर है, हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है फिलहाल हम मामले में दखल देना सही नहीं समझते, उचित समय पर हम इस मामले में सुनवाई करेंगे। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा हम सभी नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए बैठे है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा अगर कुछ गलत होता है तो उसकी रक्षा हम करेंगे, सुनवाई के लिए सही वक्त का इंतजार कीजिए।

कर्नाटक हिजाब विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थानीय मामले को राष्ट्रीय मुद्दा न बनाएं, हम सभी नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए बैठे है। सुप्रीम कोर्ट में आज हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुए मामले की जल्द सुनवाई की मांग की गई। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश संविधान के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है।

बता दे, कर्नाटका हाई कोर्ट ने कल हिजाब विवाद मामले में अंतरिम आदेश सुनाते हुए कहा था कि जब तक हाई कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है तब तक छात्र छात्राएं स्कूल कॉलेज में किसी भी तरह के धार्मिक वस्त्रों को पहनकर ना आए। हाईकोर्ट के इसी अंतरिम आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए जल्द मामले की सुनवाई की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि कर्नाटका हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक मामले की सुनवाई चल रही है तब तक स्कूल कॉलेज में छात्र कोई भी धार्मिक कपड़े ना पहने, इसका असर दूसरे धर्मों के छात्रों पर भी पड़ेगा हाई कोर्ट के आदेश का मतलब यह है कि मुस्लिम छात्रा हिजाब ना पहने, सिख छात्र पगड़ी ना पहने। याचिकाकर्ता की तरफ से मामले की सोमवार को सुनवाई की मांग की गई मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने मामले पर तत्काल दखल देने से इनकार किया और कहा हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई चलने दें।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने आगे कहा कि हमारी पूरी घटनाक्रम पर नजर है, हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है फिलहाल हम मामले में दखल देना सही नहीं समझते, उचित समय पर हम इस मामले में सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कर्नाटक हाई कोर्ट की सुनवाई पर कोर्ट की नजर है इस मुद्दे को राजनीतिक और धार्मिक नहीं बनाया जाना चाहिए । मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा हम सभी नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए बैठे है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा अगर कुछ गलत होता है तो उसकी रक्षा हम करेंगे, सुनवाई के लिए सही वक्त का इंतजार कीजिए।

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