
लखनऊ– यूपी में कई माफिया हुए. बहुत खूंखार और बेरहम…जिन्होंने आम जनता को इस कदर डराया और धमाकाया.कि आज भी इन बड़े माफियाओं को जिक्र होते ही लोगों की रुह कांप जाती है.ऐसा ही एक माफिया था खान मुबारक.जो आतंक का सरबराह बना था. खान मुबारक अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का शॉर्प शूटर रहा था. और जुर्म की दुनिया में खान मुबारक का बड़ा ही नाम था. ये भी अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसा बड़ा माफिया रहा.
बड़े-बड़े खौफनाक कामों को खान मुबारक ने दिया अंजाम
खान मुबारक के कई किस्से और कांड है जो काफी ज्यादा सुर्खियों में रहे है. खान मुबारक ने इलाहाबाद और उसके आस-पास के कई इलाकों में खूब दहशत फैलाई थी. बड़े-बड़े खौफनाक कामों को खान मुबारक ने अंजाम दिया. और इसी तरीके से धीरे-धीरे करके वो अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन तक जा पहुंचा.फिर उसका शॉर्प शूटर बन गया.
खान मुबारक के अपराधिक इतिहास के पीछे कई लोग
खान मुबारक के अपराधिक इतिहास के पीछे उसके बड़े भाई का भी काफी ज्यादा अहम रोल रहा है. खान मुबारक का बड़ा भाई जफर सुपारी अंडरवर्ल्ड का बहुत बड़ा नामी बदमाश रहा. बता दें कि खान मुबारक अंबेडकरनगर का रहने वाला था. खान मुबारक ने जुर्म की दुनिया में कदम रखने की शुरुआत इलाहाबाद से की थी. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से उसने पढ़ाई की.और इसी दौरान अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाने की कोशिश शुरु कर दी थी.
खान मुबारक का नाम तब ज्यादा हाईलाइट हुआ जब उसने काला घोड़ा हत्याकांड को अंजाम दिया. अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन ने दिनदहाड़े इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. इसमें खान मुबारक के कई साथियों की भी हिस्सेदारी थी. इसके अलावा कैश वैन लूटकांड और 2007 में इलाहाबाद में एक डाकघर में सनसनीखेज लूट का मामला भी है.जिसने खान मुबारक के नाम को तेजी से अपराध की दुनिया में आगे बढ़ाया.
कैश वैन लूटकांड में एसटीएफ ने खान मुबारक को गिरफ्तार किया था.इसी मामले में पूछताछ के दौरान खान मुबारक ने काला घोड़ा हत्याकांड का खुलासा किया था.
खान मुबारक के जुर्म की दास्तान काफी लंबी
खान मुबारक के जुर्म की दास्तान बताते हुए 2007 में प्रयागराज में तैनात तत्कालीन सीओ क्राइम राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि 2007 में इलाहाबाद में एक डाकघर में सनसनीखेज लूट के प्रयास की जांच के दौरान छोटा राजन की संलिप्तता स्थापित हुई थी, जिसमें दो बदमाशों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और पुलिस को चोटें आई थीं. उन्होंने कहा,यह यूपी में उन पहले मामलों में से एक था, जिसमें अंडरवर्ल्ड की हिस्सेदारी थी.
आगे उन्होंने ये भी कहा कि हमारी जांच ने बाद में स्थापित हुआ कि खान मुबारक इसके पीछे था और हम पहले लोग थे जिन्होंने उसे अंबेडकरनगर के हंसवर से गिरफ्तार किया था. तत्कालीन एसओजी इंचार्ज नागेंद्र चौबे ने कहा कि जब हमने उसे गिरफ्तार किया, तो वह उच्चारण के साथ त्रुटिहीन अंग्रेजी बोलता था. तत्कालीन एडीजी प्रयागराज ने पूरी टीम को 25 हजार रुपए का इनाम दिया था.
इसी के साथ खान मुबारक युवाओं को शूटिंग करना सिखाता था. और उन्हें ट्रेनिंग देने के बाद टास्क पूरा करने के लिए मुंबई भेजा जाता था. खान मुबारक डॉन छोटा राजन के गैंग को यूपी में लीड करता था.