यूपी की राजनीती में कांग्रेस के लिए तुरुप का इक्का रहे प्रमोद तिवारी का नाम आये दिन सुर्खियों में रहता है. यूपी की राजनीति में कांग्रेस के लिए मजबूत पैठ रखने वाले प्रमोद तिवारी राज्यसभा चुनाव में अपनी अजेय नेता की छवि को एक बार फिर बरकरार रखा है. कांग्रेस ने उन्हें राजस्थान से राज्यसभा का दावेदार बनाया था. प्रमोद तिवारी का मुकाबला भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा से था.
कड़ी टक्कर के बीच कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भाजपा समर्थित राज्यसभा प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को हरा दिया. सुभाष चंद्रा को 30 वोट मिले, वहीं 41 वोटों के साथ प्रमोद तिवारी विजयी रहे. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के राजनैतिक करियर की बाते करें तो आज तक वो अजेय रहे हैं. कांग्रेस के लिए हर दौर में तारणहार साबित हुए प्रमोद तिवारी प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास विधानसभा से 10 बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते हैं.
41 साल से प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधानसभा में कांग्रेस के अलावा किसी और दल का कब्जा नहीं रहा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी पहली बार 1980 में इस सीट से कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़े थे और तब से लेकर 34 साल तक वो कांग्रेस से लगातार विधायक चुने जाते रहे. साल 2014 में प्रमोद तिवारी को निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुना गया.
इसके बाद बेटी आराधना मिश्रा मोना ने इस सीट की कमान संभाली. इस दौरान हुए उपचुनाव में आराधना मिश्रा ने जीत दर्ज कर अपनी सियासी साख मजबूत की. इसके साथ ही साल 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ के रामपुर खास विधानसभा सीट से आराधना मिश्रा ने अपने पिता के विरासत को आगे बढ़ाना जारी रखा है.