S-400s मिसाइल रक्षा प्रणाली का पहला जत्था जल्द ही भारत पहुंचने वाला है। रूसी समाचार एजेंसियों ने रूसी सैन्य सहयोग एजेंसी (Russian Military Cooperation Agency) के प्रमुख दिमित्री शुगायेव का हवाला देते हुए कहा कि S-400 वायु मिसाइल रक्षा प्रणाली (Air Defence Missile System) इकाई की पहली खेप इस साल के अंत तक भारत पहुंचेगी।
चीन के किसी भी दुस्साहसी कार्रवाई को रोकने के लिए नई दिल्ली और मॉस्को के बीच पांच लंबी दूरी की सतह से हवा (Surface To Air) में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों के लिए 5.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे का ही एक और घटक है। हालांकि अमेरिका अभी इसपर विचार-विमर्श कर रहा है कि भारत को काउंटरिंग अमेरिकन एडवर्सरीज़ थ्रू सैंक्शन एक्ट (Countering American Adversaries Through Sanctions Act; CAATSA) से छूट मिलनी चाहिए या नहीं।
हाल ही में, अमेरिकी सीनेटरों और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्षों जॉन कॉर्निन और मार्क वार्नर के एक द्विदलीय प्रयास ने राष्ट्रपति बिडेन से रूस से सैन्य हार्डवेयर की खरीद के लिए भारत के खिलाफ CAATSA प्रतिबंधों को हटाने करने का आग्रह किया। इस बीच, टॉड यंग और रोजर मार्शल के साथ सीनेट की विदेश संबंध समिति के सदस्य और डोनाल्ड ट्रम्प की राजनैतिक पार्टी रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर टेड क्रूज़ ने क्रूशियल एक्ट (Crucial Act) नामक अधिनियम पेश किया, जो क्वाड के सदस्य देशों के लिए CAATSA प्रतिबंधों पर 10 साल की छूट देता है।
रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज़ द्वारा लाया गया यह अधिनियम विशेष रूप से भारत को CAATSA जैसे अमेरिकी प्रतिबंधों से बचाने के लिए तैयार किया गया है, जो चीन के खिलाफ क्वाड देशों की एकजुटता को मजबूत बनाएगा। बता दें कि कात्सा प्रतिबंध साल 2017 में पारित किया गया था। विदेश निति से जुड़े विशेषज्ञ CAATSA प्रतिबंधों पर यह मानते हैं कि यह प्रावधान मुख्य रूप से क्वाड देशों की चीन के खिलाफ एकता को कमजोर करने के लिए बनाया गया था।