ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म JP मॉर्गन के अनुसार गौतम अदाणी की ग्रुप कंपनियों की लिक्विडिटी स्थिर नजर आ रही है। फर्म ने ऑफशोर डेट के लिए नियर-टर्म मैच्योरिटीज की अकाउंटिंग के बाद ये विचार व्यक्त किया है। इस दौरान अदाणी ग्रीन एनर्जी का बॉन्ड इश्यू केंद्र में रहेगा।
ग्लोबल ब्रोकरेज ने एक रिपोर्ट में कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग के आरोप पत्र के बाद अदाणी ग्रुप के बॉन्ड्स बड़ी उथल-पुथल से गुजरे हैं, लेकिन अब ग्रुप की बॉन्ड स्प्रेड स्थिर हो चुकी है। JP मॉर्गन के मुताबिक अदाणी ग्रुप के शॉर्ट टेनर बॉन्ड्स में ऊंची डॉलर कीमतों के चलते स्प्रेड वाइडनिंग ज्यादा रही है।
औसत तौर पर देखें तो ग्रुप की बॉन्ड यील्ड स्प्रेड इतना रहा है:
अदाणी पोर्ट्स: 140 बेसिस प्वाइंट्स
अदाणी ट्रांसमिशन: 180 बेसिस प्वाइंट्स
अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई: 140 बेसिस प्वाइंट्स
अदाणी ग्रीन RG बॉन्ड्स: 150 से 160 बेसिस प्वाइंट्स
इस सबके बाद ब्रोकरेज कुछ शॉर्ट-एंड बॉन्ड्स और ADTIN 2026 (अदाणी ट्रांसमिशन) को प्राथमिकता दे रही है. ADTIN को ओवरवेट रेटिंग दी गई है।
अदाणी पोर्ट्स & SEZ कर्व में (जिसे ब्रोकरेज फर्म ने ‘ओवरवेट’ बताया है) JP मॉर्गन ADSEZ 32s’ को ADSEZ 41s पर प्राथमिकता देती है. ADANEM (अदाणी इलेक्ट्रिसिटी) और ‘अदाणी ग्रीन RG बॉन्ड्स’ पर न्यूट्रल है, जहां फर्म का मानना है कि हेडलाइन रिस्क ज्यादा हैं।
JP मॉर्गन के मुताबिक अदाणी ग्रुप की बॉन्ड इश्यू करने वाली एंटिटीज में ज्यादा फोकस अदाणी ग्रीन पर रहेगा, जहां मार्च 2025 तक 1.1 बिलियन डॉलर का ठीक-ठाक लोन ड्यू था।
बता दें अदाणी ग्रुप ने अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपों को पूरी तरह नकारा है। साथ ही साफ किया है कि रिश्वतखोरी के मुकदमे में गौतम अदाणी, सागर अदाणी या विनीत जैन का नाम शामिल नहीं है।