
काफी दिनों से बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर चल रही हलचलों पर बीते गुरुवार को विराम लग गया था। पार्टी ने इस पद की जिम्मेदारी भूपेंद्र चौधरी को दी है। उत्तर प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पहली बार वे लखनऊ में आ रहे है। उनके लखनऊ आगमन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में अलग ही उत्साह नजर आ रहा है। उनके स्वागत में जगह जगह बीजेपी के झंडे और होर्डिंग्स लगाए गए हैं।
सोमवार को लखनऊ पहुँचने के बाद भूपेंद्र चौधरी पहले बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या व ब्रजेश पाठक भी उनके साथ मौजूद रहेंगे। प्रदेश संगठन के महामंत्री धर्मपाल सिंह भी उनके साथ रहेंगे।
गौरतलब है कि बीते साल तीन कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन के चलते भाजपा की छवि में जो डैमेज हुई थी, उसे सुधारने में भाजपा का यह राजनितिक फैसला बहुत अहम साबित हो सकता है। अगर 2024 केंद्रीय चुनावों की बात करें तो उत्तर प्रदेश से लोकसभा में 80 सीटें हैं। जातिगत समीकरण के लिहाज से भी भूपेंद्र चौधरी को यूपी भाजपा अध्यक्ष के रूप में चुना जाना बिल्कुल सटीक फैसला है। ऐसा भी माना जा रहा है कि पूर्वी यूपी की तुलना में भाजपा को पश्चिमी यूपी में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है। जिसके पीछे इसी जाट नेता का करिश्मा रहा है।
बतादे कि भूपेंद्र चौधरी अभी तक पंचायती राज मंत्री है। छात्र जीवन के दौरान ही वे विश्व हिंदी परिषद से जुड़े और 1991 में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली। जिसके बाद 2006 में उन्हें मुरादाबाद का क्षेत्रीय मंत्री बनाया गया। और फिर 2012 में उन्हें क्षेत्रीय अध्यक्ष बना दिया गया। 1999 में संभल से उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा लेकिन मुलायम सिंह से चुनाव हार गए। लेकिन पिछड़े समाज पर पकड़ मजबूत होने के चलते, भारतीय जनता पार्टी ने उन पर भरोसा बनाये रखा। और प्रदेश में जब योगी सरकार बनी तब उन्हें पंचायती राज मंत्री का पद दिया।
भूपेंद्र सिंह चौधरी को संगठन का बड़ा अनुभव भी है। ऐसे में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व अगर यूपी भाजपा अध्यक्ष के तौर पर भूपेंद्र सिंह चौधरी के नाम का ऐलान किया जाना किसी प्रकार से हैरान करने वाला फैसला नहीं है।