Lucknow: HMPV पॉजिटिव से ठीक हुई महिला की मौत, दोबारा जांच में निगेटिव आई थी रिपोर्ट

ह्यूमन मेटापनेवोवायरस (HMPV) एक श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला वायरस है, जो बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में..

Lucknow: लखनऊ में ह्यूमन मेटापनेवोवायरस (HMPV) से रिकवर हुई 60 वर्षीय महिला की मौत हो गई। यह मामला उत्तर प्रदेश में सामने आया HMPV संक्रमण का पहला केस था। महिला को पहले HMPV पॉजिटिव पाया गया था, लेकिन बाद में सरकारी लैब की रिपोर्ट में निगेटिव रिजल्ट आया।

रिकवरी के 3 दिन के बाद मौत

दरअसल, मोती नगर निवासी आशा देवी को खांसी और बुखार की समस्या के चलते 7 जनवरी को निजी लैब में HMPV की जांच कराई गई थी, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। निमोनिया और वायरस की आशंका के चलते 8 जनवरी को उन्हें बलरामपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद महिला की स्थिति बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया। 10 जनवरी को केजीएमयू लैब में कराई गई दोबारा जांच में HMPV निगेटिव पाया गया। रिकवरी होने के 3 दिन के बाद महिला की मौत हो गई।

महिला की पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं

डॉक्टरों के अनुसार, आशा देवी पहले से ही टीबी, किडनी की समस्या और हाईपरटेंशन जैसी बीमारियों से ग्रस्त थीं। इन बीमारियों के कारण रिकवरी के बावजूद उनकी स्थिति गंभीर बनी रही। यही वजह रही की महिला के ठीक होने के बाद भी मौत हो गई।

क्या है HMPV?

ह्यूमन मेटापनेवोवायरस (HMPV) एक श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला वायरस है, जो बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। यह वायरस मुख्य रूप से सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है, लेकिन कुछ मामलों में निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। HMPV के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे होते हैं, जिनमें शामिल हैं..

  • बुखार
  • खांसी और गले में खराश
  • सांस लेने में कठिनाई
  • थकान और कमजोरी
  • नाक बहना या बंद होना
  • छाती में जकड़न या दर्द

गंभीर मामलों में यह निमोनिया, ब्रोंकाइटिस या सांस लेने में अधिक कठिनाई का कारण बन सकता है।

HMPV कैसे फैलता है?

  • HMPV संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
  • खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से।
  • संक्रमित सतहों को छूने और फिर अपनी आंख, नाक या मुंह को छूने से।
  • नजदीकी संपर्क, जैसे हाथ मिलाना, के माध्यम से।
  • कौन हैं ज्यादा जोखिम में?
  • छोटे बच्चे (विशेषकर 5 साल से कम उम्र के)।
  • बुजुर्ग (60 साल से अधिक)।
  • कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग।
  • पहले से फेफड़ों या दिल की बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति।

यह मामला HMPV संक्रमण की गंभीरता को उजागर करता है। स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाते हुए अस्पतालों को इस वायरस के मामलों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जनता से अपील की गई है कि वे फ्लू जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क करें।

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