Maha Kumbh 2025: स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन करेंगी कल्पवास, स्वामी कैलाशानंद ने दिया अपना ‘गोत्र’ और रखा ‘नया नाम’

स्वामी कैलाशानंद जी ने यह भी कहा कि कोशिश की जाएगी कि लॉरेन को अखाड़े की पेशवाई में शामिल किया जाए, लेकिन यह उनके ऊपर निर्भर करेगा। हालांकि..

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से होने जा रहा है, और इस बार इसमें स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी भाग लेंगी। वह संगम में डुबकी लगाएंगी और कल्पवास करेंगी। लॉरेन श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में करीब 10 दिनों तक रुकेंगी।

लॉरेन का नया नाम ‘कमला’ रखा

स्वामी कैलाशानंद जी ने बताया कि लॉरेन का नया नाम ‘कमला’ रखा गया है और वह उनके लिए बेटी की तरह हैं। यह उनकी भारत यात्रा का दूसरा मौका है। वह यहां पूजा, ध्यान और साधना करेंगी। स्वामी कैलाशानंद जी ने यह भी कहा कि कोशिश की जाएगी कि लॉरेन को अखाड़े की पेशवाई में शामिल किया जाए, लेकिन यह उनके ऊपर निर्भर करेगा। हालांकि, लॉरेन का भारत और धार्मिक कार्यक्रमों से गहरा जुड़ाव है। वह अक्सर ऐसे धार्मिक समागमों में भाग लेती हैं। इसके साथ ही वह हिंदू और बौद्ध धर्म से भी जुड़ी हुई हैं, जैसे उनके दिवंगत पति स्टीव जॉब्स थे।

कल्पवास क्या है?

कल्पवास एक विशेष व्रत है, जिसे कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालु करते हैं। इसमें व्यक्ति एक निश्चित समय तक विशेष नियमों का पालन करते हुए साधना करता है। कुंभ मेला में कल्पवास का मतलब है कि श्रद्धालु संगम के तट पर निवास करते हुए वेदों का अध्ययन और ध्यान करते हैं। माना जाता है कि कल्पवास करने से व्यक्ति के पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कुंभ मेला में कल्पवास क्यों होता है?

महाकुंभ मेले के दौरान गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि तीन बार गंगा स्नान करने से 10,000 अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है और सभी पाप धुल जाते हैं। यही कारण है कि कुछ परिवारों में कल्पवास की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। यह व्रत बहुत कठिन होता है और इसे करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

कल्पवास व्रत के नियम…

  • स्नान: हर दिन गंगा नदी या किसी पवित्र जल में स्नान करना।
  • सात्विक आहार: केवल शुद्ध और सात्विक आहार का सेवन करना।
  • पूजा और ध्यान: नियमित रूप से पूजा और ध्यान करना।
  • व्रत का पालन: तला-भुना, मांसाहार और नशीले पदार्थों से दूर रहना।
  • ब्रहमचर्य: संयमित जीवन जीना और ब्रह्मचर्य का पालन करना।
  • सत्य बोलना: हमेशा सत्य बोलना और अहिंसा का पालन करना।
  • साधना: अधिक समय पूजा, भजन और साधना में लगाना।
  • धैर्य और संयम: मानसिक और शारीरिक धैर्य बनाए रखना।
  • परिवर्तन: कल्पवास के दौरान नया नाम और गोत्र प्राप्त करना।
  • समर्पण: भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण और श्रद्धा रखना।

लॉरेन पॉवेल जॉब्स के महाकुंभ में भाग लेने से यह कार्यक्रम और भी चर्चित हो गया है, और उनके आध्यात्मिक यात्रा को लेकर बहुत से लोग उत्सुक हैं।

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