
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है और आज पवित्र स्नान का पहला दिन है। लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर रहे हैं, और अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाएंगे।

यूपी की संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ मेले का दिव्य और भव्य आगाज हुआ है, जो पौष पूर्णिमा से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। पहले दिन से ही संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है, और अब तक 60 लाख श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। यह संगम गंगा, यमुना और ‘रहस्यमय’ सरस्वती नदियों का पवित्र मिलन स्थल है।

महाकुंभ 12 साल बाद आता हैं। यहीं वजह हैं की इसको लेकर लोगों में काफी वक्त पहले से ही उत्साह था। अब जब पहले ही दिन संगम में डुबकी लगा रहे तो लोगों के चेहरे पर इसकी खुशी साफ झलक रही हैं। जो इन तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं।

महाकुंभ को लेकर हर कोई काफी उत्साहित था, लेकिन साधु-संतों का उत्साह तो देखनें लायक होता हैं। तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि एक संत आज संगम में डुबकी लगाने के साथ ही शंख बजा रहे हैं. देखने से ऐसा लग रहा हैं जैसे शंख बजाकर महाकुंभ का आगाज कर रहे हो।

विपरीत विचारों, मतों, संस्कृतियों, परंपराओं स्वरूपों का गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर महामिलन 45 दिन तक चलेगा। इस अमृतमयी महाकुंभ में बड़ों के साथ ही बच्चों ने भी डुबकी लगाई और आनंदित हुए।

घना कोहरा, थरथरा देने वाली कंपकंपी आस्था के आगे मीलों पीछे छूट गई। संगम पर आधी रात लाखों श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा और इतनी ठंड के बाद भी लोग मौज में नजर आए। तस्वीरों में देखें लोगों की खुशी कैसे साफ नजर आ रही हैं।

आधी रात से ही पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी का शुभारंभ हो गया। इसी के साथ संगम में साधु संतों का स्नान करने का सिलसिला भी शुरु हो गया। तस्वीरों में देखें एक संत अपने कमंडल से जल अर्पित कर रहे हैं।

2013 के कुंभ मेले के दौरान शहर में करीब 70 लाख श्रद्धालु आए थे, लेकिन इस बार जिस तरीके से पहले ही दिन भीड़ उमड़ी उससे तो साफ नजर आ रहा हैं कि इस साल 45 करोड़ श्रद्धालु दर्शन कर सकते है। हालांकि ये एक अनुमान मात्र हैं।

महाकुंभ स्नान की परंपरा का आज से आगाज तो हो ही गया हैं। साथ ही यहां से काफी तस्वीरें भी सामने आई हैं। ऐसे में इन तस्वीरों में देख सकते हैं कि आस्था के आगे ठंड भी फिकी पड़ गई हैं। इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि क्रीम कलर की साड़ी पहने एक महिला गंगा की आरती करते नजर आ रही हैं।

सूर्य की पहली किरण के साथ संगम तट गंगा मैया की जय और हर हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा। सूर्यदेव की पहली किरणों से जगमगाता प्रयागराज का संगम तट आज विश्व के सामने भारतीय संस्कृति, आस्था, अध्यात्म और श्रद्धा का एक सजीव उदाहरण बना। आज पूरी दुनिया में महाकुम्भ के प्रति अपार उत्साह दिख रहा है।

महाकुंभ शुरु होने के साथ ही श्रद्धालुओं का कल्पवास भी आज से ही शुरू हो रहा है। आधी रात से ही संगम के तट पर कल्पवासी जुटने लगे। श्रद्धालु 45 दिन का कल्पवास करेंगे। इस दौरान श्रद्धालु एक महीने तक तीनों समय गंगा स्नान करते हैं और एक प्रकार का तप वाला जीवन व्यतीत करते हुए ईश्वर की भक्ति में लीन रहते हैं।

बता दें कि इस बार का महाकुंभ काफी खास होने वाला हैं। महाकुंभ मेले में डिजिटल तकनीक का बहुत ही शानदार उपयोग किया गया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रिस्ट बैंड की मदद से श्रद्धालुओं की गतिविधियों को ट्रैक किया जाएगा। साथ ही अनुमान हैं कि महाकुंभ में 45 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। मेला परिसर 4000 हेक्टेयर में फैला है, जिसमें 1,50,000 टेंट लगाए गए हैं। आयोजन का कुल बजट 7000 करोड़ रुपये रखा गया है। इतना ही नहीं पहली बार श्रद्धालुओं की गणना भी की जाएगी।









