Mahakumbh 2025: भगदड़ के बाद पहले ‘अमृत स्नान’ पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम, किए गए बड़े बदलाव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को महाकुंभ का दौरा किया और सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया। उन्होंने हेलीकॉप्टर से मेला..

महाकुंभ 2025 में सोमवार, 3 फरवरी को वसंत पंचमी के अवसर पर तीसरा अमृत स्नान आयोजित होगा। इस दौरान करीब 4-5 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। 29 जनवरी को संगम तट पर हुई भगदड़ के बाद यह पहला अमृत स्नान है। ऐसे में योगी सरकार ने महाकुंभ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं ताकि कोई भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न न हो सके। हर जगह पुलिस तैनात है और पूरी मेला क्षेत्र में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है।

लखनऊ से 7 अधिकारी तैनात

मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ के बाद महाकुंभ के मेला क्षेत्र में कई अहम बदलाव किए गए हैं। लखनऊ से 7 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, ड्रोन, कैमरे और CCTV की मदद से मेला क्षेत्र पर निरंतर नजर रखी जा रही है। आपदा प्रबंधन बल को अलर्ट मोड पर रखा गया है, जबकि स्नान के लिए खास ट्रैफिक योजना तैयार की गई है। संगम नगरी के सभी घाटों पर NDRF की टीम और गोताखोर तैनात हैं। साथ ही, एंबुलेंस और अस्थायी अस्पताल भी बनाए गए हैं।

एंट्री और एग्जिट में बदलाव

महाकुंभ में नए ट्रैफिक नियम लागू किए गए हैं। अब सभी गाड़ियों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, साथ ही VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं। कोई भी VVIP पास दिखाकर मेला क्षेत्र में गाड़ी नहीं ले जा सकता है। प्रमुख मार्गों को वनवे बना दिया गया है, श्रद्धालु काली सड़क से मेला क्षेत्र में पहुंचेंगे और त्रिवेणी मार्ग से वापसी करेंगे। सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर सुरक्षाबल तैनात हैं और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया है।

44 घाटों पर श्रद्धालु करेंगे स्नान

संगम नोज पर भीड़ को कम करने के लिए 44 घाट बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा सकेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को महाकुंभ का दौरा किया और सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया। उन्होंने हेलीकॉप्टर से मेला क्षेत्र की निगरानी भी की। वसंत पंचमी का अमृत स्नान रविवार सुबह 9:14 बजे से शुरू होकर सोमवार शाम 6:52 बजे तक चलेगा, जबकि सोमवार को उदयातिथि के कारण इसे प्रमुख स्नान दिवस माना गया है।

भगदड़ के बाद हुए बदलाव

29 जनवरी को महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान था, जिसमें करीब 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। हालांकि, संगम नोज पर बैरिकेडिंग टूटने के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई। इस दुर्घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा को कई गुना बढ़ा दिया है और कोई भी रिस्क लेने से बचने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।

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