UP Politics: अब योगी के मंत्री ने खुद को बताया शूद्र, स्वामी प्रसाद को लेकर कही बड़ी बात

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर दिए गए बयान के बाद यूपी की सियायत गर्म हो गई है। पूर्व में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने...

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर दिए गए बयान के बाद यूपी की सियायत गर्म हो गई है। पूर्व में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने स्वयं को शूद्र बताया था, वहीं अब यूपी सरकार में मंत्री संजय गंगवार ने खुद को शूद्र बताकर सपा पर सियासी निशाना साधा है। मंत्री संजय गंगवार ने भारत समाचार से बात करते हुए कहा- BJP के लिए दलित और शूद्र बराबर हैं। बीजेपी में किसी भी वर्ग के साध भेदभाव नहीं किया जाता है, हमारी पार्टी सभी वर्गों के लिए काम कर रही है। स्वामी प्रसाद के बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री संजय गंगवार ने कहा- मैं स्वयं शूद्र हूं। बीजेपी ने मुझे मंत्री बनाया, साथ ही सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को नसीहत देते हुए कहा-उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए।

आपको बता दें, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इटावा में प्रेस वार्ता के दौरान स्वयं को शूद्र बताया था। जिसके बाद सपा कार्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने नाम के आगे शूद्र लिखकर होर्डिंग लगवाईं थीं। वहीं लखनऊ में ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारियों ने रामचरित मानस की प्रतियां जलाईं थीं, जिसके बाद कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। यूपी में अब शूद्र विवाद तूल पकड़ते दिख रहा है। इस मामले को लेकर सपा लगातार भाजपा पर हमलावर है। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शूद्र विवाद को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है।

बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश पर साधा निशाना

शूद्र विवाद को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। बसपा प्रमुख ने ट्वीट करते हुए लिखा- शूद्र कहकर उपेक्षित वर्गों का अखिलेश यादव अपनाम ना करें। भारतीय संविधान में डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने शूद्र नहीं बल्कि एससी, एसटी व ओबीसी की संज्ञा दी है। सपा प्रमुख इन्हें शूद्र कहकर अपमान ही नहीं बल्कि संविधान की अवहेलना भी कर रहे हैं। साथ ही 1995 की घटना को याद दिलाते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा- 2 जून 1995 की घटना को अखिलेश यादव को याद करना चाहिए, जब सीएम बनने जा रही एक दलित की बेटी पर सपा सरकार में जानलेवा हमला कराया गया था। उन्होने ने लिखा- दलित, आदिवासी व ओबीसी समाज के महापुरुषों के साथ कांग्रेस, बीजेपी व समाजवादी पार्टी ने मिलकर उपेक्षा की है।

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