देश के विभिन्न राज्यों में विधायकों को मिलती है इतनी सैलरी, जाने किस राज्य में कितनी?

तेलंगाना देश का वो राज्य है जहाँ विधायकों को अलाउंसेज मिलाकर प्रतिमाह कुल 2.50 लाख रूपए सैलरी मिलती है. जबकि यह उनकी सैलरी मात्र 20000 रूपए

देश के प्रत्येक राज्य में विधायकों की सैलरी अलग अलग होती है. भारत में सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना राज्य के विधायकों को मिलती है. तेलंगाना देश का वो राज्य है जहाँ विधायकों को अलाउंसेज मिलाकर प्रतिमाह कुल 2.50 लाख रूपए सैलरी मिलती है. जबकि यह उनकी सैलरी मात्र 20000 रूपए ही है, मगर भाते के तौर पर उन्हें 2,30,000 मिलते हैं. तेलंगाना के बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है. यहां सभी भत्तों के साथ विधायकों को मिलने वाली कुल सैलरी 2,10,000 रूपए है. इसके बाद तीसरे नंबर पर आती है उत्तराखंड राज्य के विधायकों की सैलरी जो कि सभी भत्तों को मिलकर 2,04,000 रूपए है.

बीते सोमवार को दिल्ली विधानसभा में विधायकों के वेतन में 66 % और मंत्रियों व अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के वेतन में 100% से अधिक की वृद्धि की गई. जिसके बाद दिल्ली के विधायकों की सैलरी में 54000 रूपए प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी हुई है, अब उनकी कुल सैलरी 90,000 प्रति माह है. बता दें की इससे पहले 2015 में केजरीवाल सरकार में ही दिल्ली विधायकों की सैलरी में इजाफा किया गया था.

देश के सबसे बड़े लोकतंत्र में कई राज्यों के विधायकों की सैलरी प्रधानमंत्री के बराबर है. तेलंगाना राज्य में विधायकों की सैलरी सबसे ज्यादा 2.50 लाख रूपए है, वही दूसरी ओर त्रिपुरा राज्य में विधायकों की सैलरी सबसे कम 34,000 रूपए है.

आधिकारिक जानकारी के अनुसार भत्तों के तौर पर उन्हें अगर घर नहीं मिला है तो 25000 रूपए किराया के लिए मिलता है. इसके साथ ही मीटिंग अलाउंस के लिए 1000 रूपए मिलते हैं. साथ ही सभी विधायकों को ट्रेवलिंग अलाउंस, मेडिकल फैसिलिटी, फर्नीचर,लाइब्रेरी सर्विस, व रिचार्जेस के लिए पैसा दिया जाता है.

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