वाराणसी। महादेव की नगरी काशी में धनतेरस के पर्व पर मां अन्नपूर्णा का दरबार श्रद्धालुओं के लिए मंगलवार को भक्तों के लिए खोला गया। मां अन्नपूर्णा के स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन के लिए देश -विदेश से लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया। मां अन्नपूर्णा का दर्शन करने आने वाले भक्तों में खजाने का वितरण किया गया। वही लाखो की संख्या में पहुंचे भक्तों को सुगम दर्शन करवाने के लिए काशी जोन के कई थानों और पीएसी की टीम तैनात की गई।
खजाना पाकर निहाल हुए श्रद्धालु, धनतेरस पर है दर्शन की मान्यता
काशी नगरी में मान्यता है, कि इस नगरी में कोई भी कभी भूखा नहीं सोता है। इसके पीछे पौराणिक मान्यता है, इस मान्यता को लेकर अन्नपूर्णा मंदिर के महंत ने बताया कि भगवान शिव की नगरी में जब अकाल पड़ा, तो भगवान शिव को यह देखा नहीं गया और वह खुद अपने भक्तों का पेट भरने के लिए अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी। भगवान शिव को अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा ने काशी में भिक्षा के साथ आशीर्वाद दिया, कि काशी में भक्त कभी भूखा नहीं सोएंगे। पौराणिक मान्यता है, कि धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा के दर्शन मात्र से धन धान्य की कभी कमी नहीं होता है।
इसी मान्यता को लेकर देश – विदेश के श्रद्धालु बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां अन्नपूर्णा के मंदिर में धनतेरस को बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचते है। जबकि मंदिर की तरफ से मां अन्नपूर्णा के खजाने को प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित किया जाता है। मंदिर के महंत शंकरपुरी ने बताया कि काशी में धनतेरस के दिन 6 लाख 50 हजार सिक्के श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।