
राजधानी लखनऊ के नगर निगम दफ्तर में तब हड़कंप मच गया जब संतराम विश्वकर्मा नामक एक शख्स जोन 5 की छत से छलांग लगा दी. सिस्टम की बेरुखी का शिकार बना संतराम पेशे से एक दुकानदार है. दरअसल, शुक्रवार सुबह नगर निगम के अधिकारियों ने संतराम की दूकान सीज कर दी.
इसे लेकर पीड़ित दुकानदार शुक्रवार को नगर निगम जोन 5 के कार्यालय पहुंचा. लेकिन वहां अधिकारियों की नजरअंदाजगी के चलते वह डिप्रेशन में आ गया और नगर निगम जोन 5 की छत से पीड़ित दुकानदार ने छलांग लगा दी. इससे वह बुरी तरह से घायल हो गया. पीड़ित युवक की दोनो टांगे फ्रैक्चर हो गई. जिसके बाद उन्हें लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया.
घायल दुकानदार संतराम ने नगर निगम अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने उसे छत से छलांग लगाने के लिए उकसाया था. वहीं पीड़ित के भाई ने मीडियकर्मियों को बताया कि शुक्रवार सुबह नगर निगम जोन 5 के अफसरों ने उनके घर पहुंचकर आलमबाग स्थित दूकान को सीज कर दिया था.
इसी सिलसिले में अफसरों से बातचीत करने दोनों भाई नगर निगम जोन 5 दफ्तर पहुंचें थे. लेकिन दोपहर तक उन्हें अधिकारी मिले ही नहीं. बाद में जब कुछ अधिकारियों से उनकी बातचीत हुई तो पता चला की 2 माह का गृह कर बकाया होने के कारण उनकी दूकान सीज की गई है. इस पर जब उन्होंने टैक्स भरने की बात कह दुकान खोलने की अनुमति मांगी तो जोनल अधिकारी ने उनसे गाली गलौज की.
पीड़ित के भाई ने बताया कि अफसरों के इस रवैये के चलते संतराम डिप्रेशन में आ गए और बिल्डिंग से छलांग लगा दी. इसके बाद आनन फानन में पीड़ित युवक को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया. पीड़ित संतराम की दोनों टांगे फ्रैक्चर हो गई. बहरहाल घायल युवक का इलाज जारी है.