
SARS-CoV2 के ओमिक्रॉन वैरिएंट को एक बड़े खतरे के रूप में देखा जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रविवार को इसे विश्व के लिए बड़ा जोखिम बताया। प्रारंभिक आंकड़ों ने संकेत दिया है कि ओमिक्रॉन की संक्रमण दर बहुत उच्च हो सकती है। मतलब यह है कि, यह वैरिएंट बहुत तेजी के साथ अधिकांश आबादी को प्रभावित कर सकता है।
चिकित्सा जगत से जुड़े विशेषज्ञों और बड़े डॉक्टर्स का मानना है कि यह वैरिएंट लोगों के इम्यून सिस्टम को और सुदृढ़ बनाएगा और इससे पूर्व संक्रमण या टीकों के माध्यम से उत्पन्न प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने हेतु प्रतिरक्षा क्षमता को और अधिक विकसित करेगा भी।तमाम विषेशज्ञों का यह भी मानना है कि COVID-19 के इस वैरिएंट का समय रहते पता चल जाना इसके व्यापक प्रसार को नियंत्रित करने की कुंजी है।
अगर भारत की बात करें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्य सभा में अपने सम्बोधन के दौरान यह जानकारी दी कि भारत में अब तक COVID-19 के ओमीक्रोन वेरिएंट का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
नए वैरिएंट पर WHO ने कहा है कि इस संस्करण के बारे में एक सकारात्मक बात यह भी है कि दुनिया भर में इस्तेमाल किए जा रहे RTPCR डायग्नोस्टिक परीक्षणों में इसका पता लगाया जा सकता है। यह वैरिएंट उन सभी वैरिएंट्स से भिन्न है जिनकी पहचान करने के लिए जैनेटिक सीक्वेंसिंग की जरुरत होती थी। RT-PCR टेस्ट से इसकी पहचान हो जाना, ओमिक्रॉन संक्रमण के रफ्तार को नियंत्रित करने में मददगार होगा।