
ओज़ेम्पिक, जो अब तक टाइप 2 मधुमेह और वजन घटाने के लिए प्रसिद्ध थी, अब कैंसर विरोधी संभावनाओं के साथ स्वास्थ्य जगत में हलचल मचा रही है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह दवा मोटापे से संबंधित कुछ प्रकार के कैंसर से लड़ने में प्रभावशाली हो सकती है।
क्या कहता है नया शोध?
हाल ही में प्रकाशित मेडिकल स्टडी के अनुसार, ओज़ेम्पिक (Ozempic) — जो GLP-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट वर्ग की दवा है — कैंसर से लड़ने वाली प्राकृतिक किलर कोशिकाओं (Natural Killer Cells) की कार्यक्षमता को पुनः सक्रिय करने में मदद कर सकती है।
शोध के अनुसार:
ओज़ेम्पिक मोटापे से संबंधित कैंसर जैसे कोलोरेक्टल, स्तन और अग्न्याशय (पैंक्रियाज) कैंसर में उपयोगी हो सकती है।
यह दवा शरीर की इम्यून प्रणाली को सक्रिय कर कैंसर कोशिकाओं पर सीधा प्रभाव डाल सकती है।
वजन कम करने के साथ यह दवा शरीर में कैंसर से लड़ने की प्राकृतिक क्षमता को भी बेहतर बनाती है।
विशेषज्ञों की राय:
डॉ. नीलिमा चौधरी, वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ, कहती हैं,
“ओज़ेम्पिक में देखे गए कैंसर विरोधी संकेत हमारे लिए उत्साहजनक हैं। यदि आगे के क्लिनिकल ट्रायल भी इन निष्कर्षों की पुष्टि करते हैं, तो यह दवा कैंसर प्रिवेंशन में भी क्रांतिकारी भूमिका निभा सकती है।”
क्या कहती है मेडिकल दुनिया?
वर्तमान में ओज़ेम्पिक दुनियाभर में लाखों लोगों द्वारा डायबिटीज़ और वजन घटाने के लिए उपयोग की जा रही है।
इस दवा की लोकप्रियता अब बढ़ती संभावनाओं के चलते और तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है।
वैज्ञानिकों ने अगली स्टेज में क्लिनिकल ट्रायल्स की योजना बनाई है।
ओज़ेम्पिक अब सिर्फ एक वजन कम करने की दवा नहीं रही। यह स्वास्थ्य सुधार के एक व्यापक साधन के रूप में उभर रही है, जो भविष्य में कैंसर के खिलाफ लड़ाई का भी हिस्सा बन सकती है।
सावधानी:
ओज़ेम्पिक का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह से ही करें। कैंसर के इलाज के रूप में इसका उपयोग करने से पहले पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण और स्वीकृति आवश्यक है।









