जिला खरीद अधिकारी के संरक्षण में अन्नदाता को लूट रहे राइस मिलर्स, धान क्रय केंद्रों पर जमकर हो रहा फर्जीवाड़ा…

कई क्रय केंद्रों पर राइस मिलर्स ने अपने मुनीम को क्रय केंद्र पर तैनात कर रखा है जिससे फर्जीवाड़े में कोई कठिनाई न हो और राइस मिलर्स, जिला खरीद अधिकारी से मिलकर भ्रष्टाचार के सफेद कारोबार को धड़ल्ले से चला सके. हालांकि भ्रष्टाचार के इस सिंडीकेट का खुलासा दर्जनों किसानों सहित केंद्र प्रभारी ने किया था.

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में पीसीयू, पीसीएफ और यूपीएसएस सहित तीन खरीद एजेंसियां 148 सरकारी क्रय केंद्रों के जरिए धान खरीद कर रही है. हालांकि जिले भर के 148 क्रय केंद्र पूरी तरह से सुनसान पड़े हुए है. लेकिन यहां अदृश्य किसानों से सरकारी क्रय केंद्रों पर कागजों में, जिला खरीद अधिकारी के संक्षरण में, बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.

कई क्रय केंद्रों पर राइस मिलर्स ने अपने मुनीम को क्रय केंद्र पर तैनात कर रखा है जिससे फर्जीवाड़े में कोई कठिनाई न हो और राइस मिलर्स, जिला खरीद अधिकारी से मिलकर भ्रष्टाचार के सफेद कारोबार को धड़ल्ले से चला सके. हालांकि भ्रष्टाचार के इस सिंडीकेट का खुलासा दर्जनों किसानों सहित केंद्र प्रभारी ने किया था.

बावजूद इसके, धान खरीद के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले राइस मिलर्स और फर्जीवाड़े के मुखिया जिला खरीद अधिकारी के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नही हो सकी. दरअसल, अक्टूबर माह में ही किसानों ने धान की फसल औने-पौने दामों में राइसमिल में बेच दी थी. इसी दौरान लाखों कुंतल धान राइस मिलों ने सीधी खरीद कर इकट्ठा कर लिया.

अब जबकि किसानों ने अपने धान औने-पौने दामों में बेच चुके है तब जाकर राइस मिलर्स, जिला खरीद अधिकारी से मिलीभगत कर धान कागजों में चढ़ाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं. किसानों से राइस मिलर्स ने औने-पौने दामों में धान खरीद के दौरान पंजीकरण के नाम पर सभी दस्तावेज भी लिए, हालांकि जिले भर के क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है. ऐसे में क्रय केंद्रों पर राइसमिल में रखा धान कागजों में चढ़ाकर रोजाना खरीद दर्शाई जा रही है.

धान खरीद के नाम पर इतने बड़े भ्रष्टाचार को राइसमिलर्स जिला खरीद अधिकारी के संरक्षण में अंजाम दे रहे है. उधर जिले भर में सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की आवक आना पूरी तरह से बंद हो चुकी है. यही वजह है कि सरकारी क्रय केंद्रों पर रोजाना सन्नाटा पसरा रहता है. इस बीच क्रय केंद्र, राइस मिलर्स लक्ष्य बढ़ाकर सरकार के करोड़ो रुपए लूटने में लगे है. धान खरीद का यह सिंडीकेट खुद जिले के जिला खरीद अधिकारी के संरक्षण में फल-फूल रहा है और इसे रोकने वाला कोई नही है.

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