कोर्ट परिसर में गोलीकांड से सरकार में खलबली, गठित हुई SIT, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

वकील की भेष में आए हमलावर ने फायरिंग करके हत्या कर दी। कोर्ट रूम के भीतर जीवा को 5 गोली मारी गई। इस गोलीकांड में एक लड़की समेत 2 और लोगों को गोली लगी है।

पश्चिम यूपी के अंडरवर्ल्ड का बड़ा डॉन संजीव जीवा की लखनऊ सिविल कोर्ट में गोली मारकर हत्या की गई। भरी अदालत में जीवा को गोली से उड़ा दिया गया। वकील की भेष में आए हमलावर ने फायरिंग करके हत्या कर दी। कोर्ट रूम के भीतर जीवा को 5 गोली मारी गई। इस गोलीकांड में एक लड़की समेत 2 और लोगों को गोली लगी है। मौके पर पुलिस और वकीलों ने हमलावर को दबोच लिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गंभीरता को देखते हुए SIT गठित कर जांच के आदेश दे दिए हैं।

एक सप्ताह में पूरी करनी होगी जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 सदस्यीय एसआईटी टीम का गठन करके जांच के आदेश दिए हैं। ADG मोहित अग्रवाल,नीलब्ज़ा चौधरी और आईजी अयोध्या प्रवीण कुमार को SIT टीम में शामिल किया गया है। SIT टीम को एक सप्ताह में जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

बच्ची की स्थिति स्थिर
आज लखनऊ कोर्ट परिसर के अंदर संजीव उर्फ जीवा को गोली मारी गई है और उसको मृत घोषित किया गया है। लखनऊ के डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि घटना में 8-10 साल की बच्ची को भी चोट आई है। बच्ची की स्थिति स्थिर है और उसका उपचार KGMU में चल रहा है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया है और उसकी स्थिति गंभीर है। घटना के दौरान कितने लोग थे उसकी जांच चल रही है और उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई होगी।

पश्चिमी यूपी का कुख्यात बदमाश था जीवा
संजीव जीवा पश्चिमी यूपी में अपनी धौंस दिखाता एक कुख्यात बदमाश था। जिससे पश्चिमी यूपी के लोग काफी ज्यादा डरा करते थे। संजीव जीवा ने बड़ी-बड़ी अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। साथ ही वो मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी गैंग का सदस्य था। इसके अलावा ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में जीवा शामिल था। इतना ही नहीं अपहरण, हत्या और फिरौती वसूलने में जीवा माहिर था।

22 मुकदमों में से 17 में हो चुका था बरी
दरअसल जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला था और अपने शुरुआती दिनों में वो दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर की नौकरी करता था। कहा जाता है कि नौकरी के दिनों में जीवा ने अपने संचालक को ही अगवा कर लिया था, इसके अलावा 90 के दशक में अपहरण, हत्या और फिरौती की वारदातों को अंजाम देने में पारंगत हो गया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार हत्या और फिरौती के मामले में जीवा पर 22 मुकदमे थे। 22 मुकदमों में से 17 में जीवा बरी हो चुका था।

Related Articles

Back to top button