लखनऊ : एम्बुलेंस में मरीज की मौत मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सख्त हो गए है. उन्होंने ने कहा की सरकार की छवि धूमिल करने वाले नपेंगे.आपको बता दे की निगोहां में रहने वाले 60 वर्षीय जयराम हमले में जख्मी हो गए थे. परिजन मरीज को लेकर रायबरेली रोड स्थित पीजीआई एपैक्स ट्रॉमा सेंटर ले गए थे. डॉक्टरों ने मरीज को देखा और प्राथमिक इलाज के तहत नाक में नली डाल दी. मरीज को किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ले जाने की सलाह दी. परिजन निजी एम्बुलेंस से मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचे गए थे.
बलरामपुर अस्पताल में लापरवाही के चलते बाहर एंबुलेंस में मरीज की मृत्यु होने संबंधी प्रकरण का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा निदेशक बलरामपुर अस्पताल, लखनऊ को उक्त प्रकरण की जाँच करते हुए दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर जाँच आख्या व स्पष्टीकरण 02 दिन के अंदर उपलब्ध कराये जाने…
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) May 19, 2023
आरोप हैं कि यहां डॉक्टर ने मरीज को भर्ती करने के बजाए रेफरल पेपर माँगा. परिजन कागज में उलझ गये, करीब आधे घंटे तक मरीज भीषण गर्मी में एम्बुलेंस में लेटे रहे. ऑक्सीजन सपोर्ट के बावजूद रोगी को सांस लेने में तकलीफ बढ़ती जा रही थी, परिजन रोगी को लेकर ट्रॉमा सेंटर जा रहे थे जहाँ रास्ते में रोगी की मृत्यु हो गई.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि घटना बेहद संवेदनशील है. डॉक्टर-कर्मचारियों ने घोर लापरवाही बरती है. अस्पताल के निदेशक को पूरे प्रकरण की जाँच कराने के निर्देश दिये गये हैं. यदि जाँच में इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही उजागर होती है कठोर कार्रवाई की जायेगी. यदि कार्रवाई शासन स्तर से होनी है तो उसका प्रस्ताव भेजे, मरीजों के इलाज में लापरवाही किसी भी दशा में बरदास्त नहीं की जायेगी.
सरकार की छवि धूमिल करने वाले नपेंगे
डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए कदम उठा रही है। सरकार की छवि खराब करने वाले डॉक्टर व कर्मचारी व अन्य अधिकारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायेगा। कठोर कार्रवाई की जाएगी.