नए संसद भवन में पहली बार पीएम मोदी का संबोधन, कहा- गुलामी के चिन्हों को छोड़ आगे बढ़ रहे हैं…

पीएम ने नए संसद भवन के उद्घाटन पर अपने संबोधन में कहा कि विकास यात्रा के कुछ पल अमर हो जाते हैं. 28 मई का दिन देश के लिए शुभ अवसर है. 'अमृत महोत्सव में नए संसद भवन का उपहार मिला है. इस स्वर्णिम क्षण की देशवासियों को बधाई.

दिल्ली; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया. दो सत्रों में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम के पहले सत्र में पीएम ने मंत्रोच्चारण के साथ संसद में सेंगोल को स्थापित किया. इसके बाद दूसरे सत्र में पीएम ने उद्घाटन कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित किया. पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि विकास यात्रा के कुछ पल अमर हो जाते हैं. 28 मई का दिन देश के लिए शुभ अवसर है. ‘अमृत महोत्सव में नए संसद भवन का उपहार मिला है. इस स्वर्णिम क्षण की देशवासियों को बधाई.

पीएम ने कहा कि संसद 140 करोड़ देशवासियों के सपने का प्रतिबिंब है. यह नया संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत आज नया लक्ष्य तय कर रहा है. भारत आगे बढ़ता है तो विश्व आगे बढ़ता है. नए रास्तों पल चलकर नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं. सेंगोल के स्थापना पर पीएम ने कहा कि सेंगोल कर्तव्यपथ और राष्ट्रपथ का प्रतीक है. संसद में सेंगोल की स्थापना ऐतिहासिक है.

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है. 21वीं सदी का नया भारत जोश से भरा हुआ है. आज हम गुलामी के चिन्हों को छोड़ आगे बढ़ रहे हैं. नई संसद में संस्कृति-संविधान का स्वर भी है. PM ने कहा कि नई संसद मोर और कमल पर आधारित है. नए संसद भवन में बरगद का पेड़ भी है.

पीएम ने कहा कि पुराने संसद में कई समस्याएं आ रहीं थीं. इस लिए नए संसद भवन की जरूरत महसूस की जा रही थी. 1 नए संसद में एक भारत श्रेष्ठ भारत का दर्शन होता है. यह भव्य इमारत आधुनिक सुविधाओं से युक्त है. आने वाले समय में सांसदों की संख्या बढ़ेगी. इस लिए संसद की जरुर आवश्यक है.

इस दौरान पीएम मोदी ने पिछले 9 वर्षों में हुए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि 9 साल नव निर्माण, गरीब कल्याण के रहे. इस 8 वर्षों में 4 करोड़ घर, 11 करोड़ शौचालय भी बने. 9 साल में 11 करोड़ शौचालय बनने पर मुझे संतोष है. पीएम ने कहा कि 9 साल में 4 लाख किमी से ज्यादा सड़क बनीं. 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए गए. 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन बनाए गए. पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक है.

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