
भारत-सऊदी रिश्तों में नई ऊँचाइयाँ: व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने के अंत में सऊदी अरब यात्रा भारत और सऊदी अरब के रिश्तों को नए आयाम देने वाली है। यह यात्रा विश्व राजनीति में हो रहे बदलावों के बीच, जैसे डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीति, बीजिंग की बेल्ट एंड रोड पहल, और रूस-यूक्रेन युद्ध, में दोनों देशों के सहयोग को और मजबूत करेगी।
मुख्य चर्चा के बिंदु
- प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के बीच व्यापार, ऊर्जा, सुरक्षा, रक्षा, निवेश, और सांस्कृतिक सहयोग पर वार्ता होगी।
- प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- यह गलियारा पश्चिमी एशिया की जटिल भूराजनैतिक स्थिति में महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है।
भारत-सऊदी संबंधों का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
- भारत की 2.7 मिलियन भारतीय प्रवासी समुदाय सऊदी अरब और भारत के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सॉफ़्ट पावर का प्रभावी उपयोग किया है।
- मोदी और MBS के व्यक्तिगत संबंध दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती का प्रतीक हैं। MBS की विजन 2030 योजना के तहत, सऊदी अरब को एक नई दिशा दी जा रही है।
आर्थिक और सांस्कृतिक साझेदारी में वृद्धि
- भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग में वृद्धि हो रही है। 2023-24 के वित्तीय वर्ष में दोनों देशों के बीच बिलेटरल ट्रेड 42.98 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।
- योग और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा है, और भारत का योग सऊदी अरब में लोकप्रिय हो रहा है।