विश्व कठपुतली दिवस के अवसर पर देश के 5 बड़े शहरों में आयोजित होगा पुतुल उत्सव, कई बड़ी पुतुल संस्थाएं लेंगी हिस्सा

पुतुल उत्सव के आयोजन की सबसे खास बात यह है कि इस बार यह उत्सव आजादी के अमृत महोत्सव के रंगों से सराबोर रहने वाला है। इसी आधार पर उत्सव की थीम आजादी के रंग, पुतुल के संग रखी गई है।

कठपुतली प्राचीन काल से ही लोगों के मनोरंजन का एक परंपरागत साधन रहा है। इतिहास के जानकारों और विद्वानों की मानें तो भारत में नाट्यकला के उद्भव का कारण ही कठपुतली का खेल रहा है। इसी ऐतिहासिक धरोहर को संजो कर रखने के क्रम में संगीत नाटक अकादमी पुतुल उत्सव का आयोजन करने जा रही है। 21 मार्च को मनाये जाने वाले विश्व कठपुतली दिवस के अवसर पर देश के 5 बड़े शहरों में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

पुतुल उत्सव के आयोजन की सबसे खास बात यह है कि इस बार यह उत्सव आजादी के अमृत महोत्सव के रंगों से सराबोर रहने वाला है। इसी आधार पर उत्सव की थीम आजादी के रंग, पुतुल के संग रखी गई है।

5 बड़े शहरों में पुतुल उत्सव का होगा आयोजन

नाट्यशास्त्र की अद्वितीय कला कठपुतली नृत्य को लोकनाट्य की ही एक शैली माना गया है। लकड़ी, धागे, प्लास्टिक या प्लास्टर ऑफ पेरिस की गुड़ियों द्वारा जीवन के प्रसंगों का सजीव मंचन कुछ क्षणों के लिए आपको स्तब्ध कर देता है और मंत्रमुग्ध होकर इस परंपरागत मनोरंजन की कला का आप आनंद लेते हैं। बहरहाल, देश के पांच बड़े शहरों हैदराबाद (तेलंगाना), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), अंगुल (ओडिशा), अगरतला (त्रिपुरा) और दिल्ली में विश्व कठपुतली दिवस के अवसर पर पुतुल उत्सव का आयोजन किया जाएगा।

हैदराबाद व वाराणसी में यह उत्सव 21 से 23 मार्च तक चलेगा, वहीं अंगुल में 21 और 22 मार्च को इस भव्य उत्सव का आयोजन किया जाएगा। वहीं राजधानी दिल्ली और अगरतला में यह उत्सव केवल 21 मार्च को ही आयोजित किया जाएगा। विश्व कठपुतली दिवस के अवसर पर आयोजित इस ऐतिहासिक उत्सव में देश की प्रसिद्ध पुतुल संस्थाएं भी प्रतिभाग करेंगी।

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