केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अक्टूबर महीने तक 61 कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (Initial Public Offer ; IPO) के जरिए कुल 52,759 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस वीत्तीय वर्ष में IPO के जरिये जुताई गयी राशी पिछले वित्तीय वर्ष में इक्कट्ठा किये गए राशि से यह अधिक है। चालू वित्तीय वर्ष 2021-2022 के अक्टूबर महीने तक बाजार में आने वाली 61 कंपनियों में से 34 इकाइयां लघु और मध्यम उद्यम (SME) थीं, जिनसे यह IPO जुटाया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि बड़ी संख्या में मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की कंपनियां लिस्टिंग के लिए आ रही हैं। उन्होंने कहा, “कंपनियों द्वारा इस साल IPO नियमित रूप से लाया जा रहा है और चालू वित्तीय वर्ष 2021-2022 में अक्टूबर 2021 तक जुटाई गई राशि पिछले वित्तीय वर्ष में जुटाई गई राशि से अधिक है।”
वित्त मंत्री ने SEBI (Securities And Exchange Board Of India) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में, 56 कंपनियों ने IPO से 31,060 करोड़ रुपये कमाए थे लकिन तब इनमे मात्र 27 SME का कुछ हिस्सा था। एक लिखित जवाब में, सीतारमण ने कहा कि 61 IPO में से 35, 100 करोड़ रुपये से कम के थे, जबकि चार 100 करोड़ रुपये और 500 करोड़ रुपये से कम के थे। 22 आईपीओ या तो 500 करोड़ रुपये के बराबर या 500 करोड़ रुपये से अधिक के थे। अन्य में, 61 संस्थाओं में से 10 कंपनियां स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से और 6 “सीमेंट-निर्माण” के क्षेत्र से थीं।
बता दें कि IPO या स्टॉक लॉन्च एक सार्वजनिक पेशकश है जिसमें किसी कंपनी के शेयर संस्थागत निवेशकों और आमतौर पर खुदरा निवेशकों को भी बेचे जाते हैं। एक IPO आमतौर पर एक या एक से अधिक निवेश बैंकों द्वारा अंडरराइट किया जाता है, जो शेयरों को एक या अधिक स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करने की व्यवस्था भी करते हैं।