रामचरित मानस विवाद : आस्था को ठेस पहुंचाना सपा नेता को पड़ा भारी, स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ मुकदमा दर्ज

शिकायत के आधार पर राजधानी लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने आईपीसी की धारा 295A, 298, 504, 505(2),153A में एफआईआर दर्ज हुई कर लिया है. पुलिस ने यह FIR एक शिकायत प्राप्त होने के आधार पर की है. पंजीकृत मामले में कहा गया है कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या का बयान समाज को जाति और धर्मों में विभाजित करने वाला है.

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या रामचरितमानस पर विवादित टिपण्णी करके फंसते नजर आ रहे हैं. मामले को लेकर उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं. रामचरितमानस पर मौर्या की आपत्तिजनक टिपण्णी को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने विरोध जाहिर किया था. इसे लेकर उनके खिलाफ राजधानी लखनऊ में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी.

इसी कड़ी में शिकायत के आधार पर राजधानी लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने आईपीसी की धारा 295A, 298, 504, 505(2),153A में एफआईआर दर्ज हुई कर लिया है. पुलिस ने यह FIR एक शिकायत प्राप्त होने के आधार पर की है. पंजीकृत मामले में कहा गया है कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या का बयान समाज को जाति और धर्मों में विभाजित करने वाला है.

प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि स्वामी प्रसाद मौर्या का बयान समाज में लोगों के बीच एक दूसरे के लिए घृणा पैदा करने वाला है. इससे धर्मावलम्बियों समेत सनातनियों की आस्था आहात हुई है जिससे लोगों में भारी आक्रोश है. बहरहालम, पुलिस ने सपा नेता के खिलाफ लगे आरोपों और प्राप्त शिकायती पत्र के आधार पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया है.

जाहिर है कि शिकायत के संबंध में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस अब स्वामी प्रसाद मौर्या के बयानों की जांच करेगी. वो क्लिपिंग सुनी जाएगी जिसमें स्वामी ने रामचरितमानस के बारे में अभद्र टिपण्णी की है. स्वामी की मुश्किलें आने वाले समय में बढ़ सकती हैं. बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने बीते रविवार को बयान देते हुए कहा था,”यह ग्रंथ बकवास है और इसे तत्काल प्रतिबंधित कर देना चाहिए.”

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