BJP पर संजय सिंह ने किया करारा हमला, महंगी बिजली को लेकर सरकार से पूछे ये सवाल!

‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने सवाल करते हुए कहा कि जब 2007 में 25 साल के लिए 2.25 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने का एग्रीमेंट हुआ था तो 2018 में किसके दबाव में वो एग्रीमेंट बदला गया और ज्यादा दाम देने की बात तय हुई. दूसरा, जब 5 साल तक अडानी कोयले के बढ़े दाम दिखाकर बिल लगाता था तो गुजरात सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने उसकी जांच क्यों नहीं की?

आम आदमी पार्टी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्र अडानी के एक और बड़े घोटाले का खुलासा किया. ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अडानी ने गुजरात के लोगों को महंगी बिजली देकर 3800 करोड़ रुपए की लूट की है. फिर भी मोदी सरकार और ईडी-सीबीआई चुप हैं. गुजरात का मुख्यमंत्री रहते मोदी जी ने लोगों को 2.25 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने के लिए अडानी से 25 साल का एग्रीमेंट किया था, लेकिन आज उनको 8.20 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिल रही है. क्योंकि अडानी अपने वादे से मुकर गए और 2018 में गुजरात सरकार से बिजली महंगी करने का दूसरा एग्रीमेंट कर लिया. इस एग्रीमेंट के अनुसार, आर्गस ग्लोबल कंपनी के बताए रेट पर अडानी को कोयला खरीदना था, लेकिन गुजरात सरकार ने कभी इसका सत्यपान नहीं किया और 2018-23 तक 3800 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया.

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि अब जब अडानी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, तब गुजरात सरकार ने 15 मई 2023 को अडानी को पत्र लिखकर पूछा कि कोयला कहां से खरीदा, उसका बिल दो. उन्होंने भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि 25 साल के एग्रीमेंट को किसके दबाव में बदला गया और गुजरात सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कोयले का दाम पता क्यों नहीं किया?

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और वरिष्ठ नेता रीना गुप्ता ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर अडानी के एक और बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा गुजरात की जनता के साथ भ्रष्टाचार और लूट से जुड़ा है. गुजरात की जनता की जेब काटने का यह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी के सबसे करीबी दोस्त अडानी और उनकी कंपनी ने किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2007 में गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त उनकी सरकार ने आडनी से बिजली को लेकर एक समझौता किया. एग्रीमेंट के अनुसार, अडानी ने अगले 25 साल तक गुजरात की जनता को 2.25 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने का वादा किया. 2007 में गुजरात सरकार और अडानी के बीच पावर परचेज एग्रीमेंट किया गया. इसके बाद अडानी अचानक अपने वादे और एग्रीमेंट से पलट गए. 2018 में अडानी ने गुजरात सरकार के साथ एक और एग्रीमेंट साइन किया. उसमें कहा गया कि कोयला महंगे दामों में खरीदना पड़ रहा है. इसलिए सरकार को बिजली के दाम महंगे देने पड़ेंगे. लेकिन एग्रीमेंट में यह शर्त लिखी गई कि आर्गस ग्लोबल कंपनी द्वारा दुनिया भर के देशों में कोयले का जो दाम बताया जाएगा, उसके अनुसार ही भुगतान किया जाएगा. आर्गस ग्लोबल कंपनी दुनिया भर में कोयले का क्या दाम है, ये बताती है.

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि 2018 से 2023 तक अडानी ने कोयले का दाम जितना बताया है, गुजरात सरकार उतनी पेमेंट करती रही. गुजरात सरकार ने इस दौरान अडानी की कंपनी को 13802 करोड रुपए का भुगतान किया. हैरानी की बात है कि गुजरात मॉडल की बात करने वाली गुजरात सरकार ने आर्गस ग्लोबल कंपनी के रेट से सत्यापन नहीं किया कि उस वक्त इंडोनेशिया में कोयले का क्या रेट था? गुजरात सरकार ने कोई जांच नहीं की. अडानी ने जितना बिल बनाकर दिया, सरकार ने उतना भुगतान कर दिया. एक सवाल यह भी उठा रहा है कि जब भारत में जरूरत से अधिक कोयले का उत्पादन किया जाता है तो अडानी को विदेश से कोयला खरीदने की जरूरत क्यों पड़ी? पिछले साल भारत में कोयले का उत्पादन 30 फीसद बढ़ा है. भारत में राज्य सरकारों को कोयला दो से तीन हजार रुपए प्रति टन मिलता है.

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि इसी वक्त हिंडनबर्ग की रिपोर्ट भी आई. इसमें अडानी के भ्रष्टाचार के बारे में बताया गया था. जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तब गुजरात सरकार के अफसर घबरा गए. अफसरों को लगा कि अडानी के साथ उनको भी जेल जाना पडेगा. इसके बाद गुजरात सरकार कुम्भकर्ण की नींद से जागी और 15 मई 2023 को एक चिट्टी लिखी. इस चिट्टी में गुजरात सरकार ने कहा कि अडानी ने जहां-जहां से जितने दाम में कोयला खरीदा, उसका कोई प्रमाण, कागजात या बिल नहीं दिए. चिट्टी में लिखा है कि अडानी ने जिस वक्त इंडोनेशिया में महंगा कोयला बताया, उस वक्त कोयले का दाम सस्ता था. संजय सिंह ने कहा कि इसका मतलब साफ है कि धोखाधड़ी करके अडानी की कंपनी ने गुजरात सरकार से 3802 करोड़ रुपए का भुगतान लिया. गुजरात सरकार ने अडानी से यह पैसा वापस करने को कहा है.

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मांग करते हुए कहा कि ईडी-सीबीआई, इनकम टैक्स विभाग और सरकार की अन्य जांच एजेंसियां कहां सो रही हैं? जांच एजेंसियां छोटी-छोटी बात पर बंगाल, उड़ीसा, तेलंगाना, तमिलनाडु पहुंच जाती हैं और दिल्ली में रोज छापेमारी कर रही हैं. सबको पकड़कर जेल में डाल रही हैं. लेकिन इन जांच एजेंसियों को हिंडनबर्ग में आया अडानी का भ्रष्टाचार दिखाई नहीं दे रहा है. अब तो मोदी जी की डबल इंजन की सरकार ही बोल रही है कि अडानी ने गुजरात के लोगों से 3802 करोड़ रुपए लूटने का काम किया है. ईडी-सीबीआई को जांच कर इन लोगों को पकड़ कर जेल में डालना चाहिए. 2018-23 तक फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर करने वाले गुजरात के मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद ये मामला अगर सुप्रीम कोर्ट में नहीं होता तो गुजरात सरकार की ओर से ये चिट्टी जारी नहीं होती.

‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने सवाल करते हुए कहा कि जब 2007 में 25 साल के लिए 2.25 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने का एग्रीमेंट हुआ था तो 2018 में किसके दबाव में वो एग्रीमेंट बदला गया और ज्यादा दाम देने की बात तय हुई. दूसरा, जब 5 साल तक अडानी कोयले के बढ़े दाम दिखाकर बिल लगाता था तो गुजरात सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने उसकी जांच क्यों नहीं की? इन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोयले के दाम का पता क्यों नहीं किया? 10वीं कक्षा का बच्चा भी वेबसाइट पर जाकर भारत, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया में कोयले का दाम देखकर बता देगा. वहीं, गुजरात की इतनी शक्तिशाली सरकार इसकी जांच नहीं कर पाई और अडानी ने जो भी रेट लिखकर दिया, उसे सही मानकर भुगतान करती रही. तीसरा, इस मामले में अब तक गुजरात सरकार क्यों चुप थी? जो ईडी-सीबीआई फर्जी तरीके से मामला बनाकर लोगों को गिरफ्तार करने की होड़ में लगी रहती हैं, ऐसे मसलों पर आंख पर क्यों पट्टी बांधी हुई थी? इन सवालों का जवाब सरकार को देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये वही अडानी हैं, जब गुजरात में बिजली संकट आया था, उस वक्त ज्यादा पैसे में दूसरे राज्यों को भी बिजली बेच रहे थे. अडानी ने गुजरात सरकार के साथ हुए एग्रीमेंट का भी उल्लंघन किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

गुजरात की तरह तमिलनाडु में भी अडानी ने कोयला खरीदने का सर्टिफिकेट नहीं दिया- रीना गुप्ता

वहीं, आदमी आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता रीना गुप्ता ने कहा कि मोदी जी ने अडानी को पूरे देश में लूट करने की खुली छूट दे रखी है. उन्होंने 2017 की सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अडानी जैसा गुजरात में कर रहे हैं, वैसा ही 2017 में तमिलनाडु में भी किया. सीएजी ने अडानी के 297 इम्पोर्ट चेक किए, उसमें से 177 इम्पोर्ट में कोयला किस देश से मंगाया गया है, उसका सर्टिफिकेट नहीं लगाया गया है. ऐसा भी हो सकता है कि अडानी की दूसरे राज्यों में जो कोयले की खदाने हैं, वहीं का कोयला तमिलनाडु में भेज दिया गया हो और कहा गया कि विदेश से कोयला खरीद कर ला रहे हैं. क्योंकि इसका कोई बिल या सर्टिफिकेट नहीं है. अडानी पर सिर्फ मोदी जी की कृपा है. इसकी बदौलत ही अडानी ने जो पैसा मांगा, उसका भुगता होता रहा. गुजरात में 8 रुपए प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. ‘‘आप’’ की सरकार दिल्ली में 200 और पंजाब में 300 यूनिट फ्री बिजली दे रही है. दिल्ली-पंजाब की तरह पूरे देश में फ्री बिजली दी जा सकती है. लेकिन मोदी जी सिर्फ अपने दोस्तों का पेट भरना चाहते हैं. इसी वजह से पूरे देश में महंगी बिजली मिल रही है. इसकी ईडी-सीबीआई से जांच होनी चाहिए.

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