Hindenburg के आरोपों पर SEBI चीफ माधबी बुच ने दी सफाई, सभी आरोपों को बताया निराधार

अपनी नई रिपोर्ट में Hindenburg ने अडानी ग्रुप और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के बीच लिंक होने का दावा किया है।

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग का मामला एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। बीते साल हिंडनबर्ग ने भारतीय अरबपति गौतम अडानी पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी किया था। इसी को मध्यनजर रखते हुए अब इस साल भी उन्होंने अडानी को शामिल करते हुए मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) पर निशाना साधा है। अपनी नई रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के बीच लिंक होने का दावा किया है। उसका आरोप है कि व्हिसलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष की भी हिस्सेदारी थी।

हालांकि, अब इस पूरे मामले में SEBI चेयरपर्सन की ओर से सफाई पेश की गई है, जिसमें उन्होंने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि ये उन्हें बदनाम करने की कोशिश है।

SEBI चीफ ने आरोपों को बताया निराधार

अपने बयान में SEBI चीफ माधबी पुरी बुच ने बताया कि, “10 अगस्त, 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है। सभी आवश्यक खुलासे पहले ही वर्षों से सेबी को प्रस्तुत किए जा चुके हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, “हमें किसी भी और सभी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जिसमें वे भी शामिल हैं जो उस अवधि से संबंधित हैं जब हम पूरी तरह से निजी नागरिक थे, किसी भी और हर अधिकारी को जो उन्हें मांग सकता है। इसके अलावा, पूर्ण पारदर्शिता के हित में, हम नियत समय में एक विस्तृत बयान जारी करेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसने उसी के जवाब में चरित्र हनन का प्रयास करना चुना है।”

क्या है Hindenburg का नया आरोप

दरअसल, Hindenburg की ओर से शनिवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला। इसमें दोनों का कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर है। ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी ग्रुप के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है। हिंडनबर्ग के तहत ये खुलासा व्हिसल ब्लोअर दस्तावेजों से हुआ है।

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