दूसरे चरण का महासमर : मुस्लिम बाहुल्य जिलों में किसका बिगड़ेगा खेल? जानिए, BJP को कैसे होने वाला है बड़ा फायदा?

चुनावी समीक्षकों और विशेषज्ञों का आंकलन है कि मुस्लिम बाहुलाय वाले इन इलाकों में मुस्लिम मतों का बिखराव भाजपा को सीधे फायदा पहुंचाएगा। इसके पीछे वजह यह बताई गई है कि बसपा, कांग्रेस, और AIMIM के मुस्लिम प्रत्याशी वोट्स के बिखराव के लिए बड़े जिम्मेदार कारक होंगे।

प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के तहत पहले दूसरे चरण का प्रचार शनिवार शाम 6 बजे तक थम जाएगा। इस चरण के तहत यूपी के कुल 09 जिलों की 55 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली व शाहजहांपुर की 55 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है। दूसरे चरण में शामिल जिले मुस्लिम बाहुल्य है लिहाजा दूसरे चरण का मतदान बहुत अहम माना जा रहा है।

मुस्लिम आबादी के हिसाब से देखें तो दूसरे चरण के जिलों में अधिकांश विधानसभा सीटों पर 40 से 50 फीसदी आबादी मुस्लित वोटर्स की है। वहीं कुछ जिले तो ऐसे भी हैं जहां इनकी आबादी 60 से 65 फीसदी के बीच है। बिजनौर और बरेली की 8 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम वोटर्स की आबादी 40 से 50% है। वहीं अमरोहा और संभल जिलों की 4 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की आबादी क्रमशः 50 और 60 फीसद से भी अधिक है।

संभल जिले की विधानसभा सीटों पर यादव वोटर्स की तादाद भी 60 प्रतिशत से अधिक है लिहाजा MY फैक्टर जिसके साथ जायेगा,निश्चित रूप से इस चरण में बाजी वही मारेगा। मुस्लिम बाहुल्य जिले मुरादाबाद और रामपुर की क्रमशः 6 में से 5 विधानसभा सीटों और केवल 5 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है। वहीं बदायूं की 6 सीटों पर मूसली वोटर्स की तादाद करीब 40 से 50 फीसदी है।

प्रत्याशियों के जातिगत गणित का हिसाब देखें तो समावजादी पार्टी के गठबंधन ने 20 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारें हैं। इसके अलावा बसपा से 23 और कांग्रेस से 20 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं। दिलचस्प बात यह है कि मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने के बावजूद भी भाजपा ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को इन विधानसभा सीटों से टिकट नहीं दिया है। सहयोगी दल के रूप में रामपुर जिले की स्वार सीट से अपना दल ने आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खां के खिलाफ हैदर अली खान को गठबंधन का प्रत्याशी घोषित किया है।

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