
उत्तर प्रदेश विधानसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने एक मजबूत बयान दिया और वंदे मातरम् को राजनीति से जोड़ने का विरोध किया। शिवपाल ने कहा, “वंदे मातरम् हमारी ऐतिहासिक चेतना है और यह राष्ट्र की आत्मा का गीत है, लेकिन इसे अब राजनीति में घसीटा जा रहा है।”
शिवपाल यादव ने कहा कि वंदे मातरम् संविधान की आत्मा है, और इसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वंदे मातरम् को लेकर जो राजनीति की जा रही है, वह न केवल गलत है बल्कि यह राष्ट्रभक्ति को भी नुकसान पहुंचा रही है।
इसके अलावा, शिवपाल यादव ने यूपी में किसानों की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की और कहा, “उत्तर प्रदेश में किसानों को खाद नहीं मिल रही है, और भर्तियों के पेपर लीक हो रहे हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार विपक्ष के वोट काटने के लिए विभिन्न तरीके अपना रही है, जिनमें से एक SIR (Special Investigation Room) में विपक्ष के वोट काटने की योजना भी है।
शिवपाल ने तंज करते हुए कहा, “आप नाम बदलने में माहिर हैं, लेकिन राष्ट्रभक्ति सिर्फ नारों से नहीं, बल्कि नीयत से होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि “देशभक्ति दबाव में नहीं, दिल से निकलती है।”
उन्होंने सवाल किया, “क्या बेरोजगार नौजवान वंदे मातरम् नहीं बोलता?” इस सवाल के जरिए शिवपाल ने यह मुद्दा उठाया कि अगर वंदे मातरम् को मात्र एक राजनीतिक नारा बना दिया जाए, तो यह उस असली उद्देश्य से भटक सकता है, जिसके लिए इसे गाया गया था।
शिवपाल ने इस अवसर पर यह भी कहा कि वंदे मातरम् का सही अर्थ तभी समझा जा सकता है जब हम इसे दिल से अपनाएं, न कि इसे केवल राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करें।









