शिंदे गुट की शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर सिख समुदाय ने जतायी आपत्ती,  चुनाव आयोग से की चिन्ह को निरस्त करने की मांग

नांदेड़ के सचखंड गुरुद्वारा बोर्ड के पूरव सदस्य रंजीत सिंह कामठेकर ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आपत्ती जतायी थी। पत्र में शिंदे गुट की शिवसेना को मिले चुनाव चिन्ह ‘दो तलवार और एक ढाल’ को निरस्त करने की मांग की गयी है।

सिख समुदाय ने शिंदे गुट की पार्टी बालासाहेब की शिवसेना को आवंटित चुनाव चिन्ह पर आपत्ती जताई है। सिख समुदाय का कहना है कि चुनाव आयोग द्वारा शिंदे गुट को आवंटित चुनाव चिन्ह ‘दो तलवार और एक ढाल’ खालसा पंथ का धार्मिक प्रतीक है। इससे पहले शिवसेना उद्दव बालासाहेब ठाकरे को आवंटित चुनाव चिन्ह ‘मशाल’ पर भी समता पार्टी ने आपत्ती जतायी थी।

नांदेड़ के सचखंड गुरुद्वारा बोर्ड के पूरव सदस्य रंजीत सिंह कामठेकर ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आपत्ती जतायी थी। पत्र में शिंदे गुट की शिवसेना को मिले चुनाव चिन्ह ‘दो तलवार और एक ढाल’ को निरस्त करने की मांग की गयी है। बोर्ड के पूर्व सदस्य रंजीत सिंह कामठेकर के साथ एक स्थानीय कांग्रेस नेता ने भी चिन्ह के धार्मिक अर्थ होने का हवाला देते हुये अनुमति ना देने बात कही है। उन्होने कहा है कि यदि आयोग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया तो वह कार्यवाही के लिये कोर्ट तक भी जा सकते हैं।

 ‘दो तलवार और एक ढाल’ को श्री गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ के चिन्ह के रूप में स्थापित किया था। इससे पहले चुनाव आयोग ने दोनों गुटों की त्रिशूल और गदा की मांग को धार्मिक अर्थ होने का हवाला देते हुये खारिज कर दिया था। कामठेकर ने इसी का उदाहरण देते हुये ‘दो तलवार और एक ढाल’ के चिन्ह को निरस्त करने की मांग की है।

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