राष्ट्रीय कार्यकारणी में सपा ने बनाई रणनीति, सदन से सड़क तक होगा संघर्ष, कम वोट वाले बूथों पर होगा काम

सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को 2024 का चुनाव जीतने के संकल्प के साथ खत्म हो गई है. जिन बूथों पर अभी तक पार्टी को कम वोट मिलते रहे है, वहाँ पर पार्टी पैठ बढ़ाएगी. इसके लिए त्रिस्तरीय रणनीति होगी. हर माह कोई न कोई कार्यक्रम किया जाएगा. पार्टी सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी.

लखनऊ : सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को 2024 का चुनाव जीतने के संकल्प के साथ खत्म हो गई है. जिन बूथों पर अभी तक पार्टी को कम वोट मिलते रहे है, वहाँ पर पार्टी पैठ बढ़ाएगी। इसके लिए त्रिस्तरीय रणनीति होगी. हर माह कोई न कोई कार्यक्रम किया जाएगा. पार्टी सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी. पार्टी कार्यकर्त्ता ही नहीं आमजन के उत्पीड़न को मुद्दा बनाते हुए निरंतर जनता के बीच में रहेगी. पार्टी के सभी विधायक और पदाधिकारी वोटबैंक को बढ़ाने के लिए काम करना होगा.

सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी विभागों के साथ अन्याय हो रहा है. सरकार अपने वादों से मुकर रही है. इसी लिए कर्मचारी धरना, प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सपा बीजेपी को हराने का काम करेगी. सपा प्रमुख ने कहा कि BJP को जो दल हरा सकते हैं उन्हीं के घर छापे पड़ रहे हैं. जो आज BJP कर रही है वही पहले कांग्रेस किया करती थी. इस दौरान पूर्व सीएम ने सीएम ममता बैनर्जी की जमकर तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल का लॉ एंड ऑर्डर उत्तर प्रदेश से अच्छा है.

सपा परंपरागत वोट बैंक के साथ दलितों को विशेष तौर जोड़ेगी. यही वजह है की वह डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के साथ कांशीराम का नाम भी बार- बार ले रही है. राष्ट्रीय कार्यकारणी में भी दलितों को जोड़ने की पुख्ता रणनीति बनाई गई. इसके तहत दलित नेताओं के साथ अन्य जाति के नेताओ को भी दलित बस्तियों में भेजा जाएगा.

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