देशभर में करंट लगने की वजह से होने वाली हाथियों के मौत के मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार समेत कई राज्यों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में पर्यावरण और वन मंत्रालय की तरफ से ऐसी घटनाओं को रोकने के गाइडलाइन का सही से अनुपालन करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल में कहा कि देश में हाथियों की मौत के पीछे करंट लगना मुख्य कारण है। याचिका कहा कि बीते कुछ महीनों में 19 हाथियों की करंट लगने से मौत हुई। याचिकाकर्ता ने कहा कि भयानक वास्तविकता हैं कि भारत में जंगली हाथियों का अप्राकृतिक करंट लगने से मृत्यु की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है । याचिका में कहा 2018-19 हुई कुल हाथियों की मौत में से दो तिहाई मौतें करंट लगने से हुई। याचिका में कहा 2014-15 में कुल 510 हाथियों की मौतों में से 333 हाथियों की मौत मनुष्यों के साथ झड़प की वजह से हुई।
याचिका में एलिफेंट टास्क फोर्स की 2010 की रिपोर्ट का ‘गजह’ का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि टास्क फोर्स की रिपोर्ट में देशभर में हाथियों की मौत का पता लगाया गया था । जिसमें कहा गया कि दुर्घटनावश करंट लगने और जानबूझकर करंट लगने को से मौत हाथियों की मौत का मुख्य कारण थी। याचिका में पर्यावरण और वन मंत्रालय की तरफ से ऐसी घटनाओं को रोकने के गाइडलाइन जारी की गई थी लेकिन अभी तक उस पर सही तरीके से अमल नहीं किया जा रहा है। याचिका में MoEF&CC की गाइडलाइन को सही तरीके से लागू कराने की मांग किया है।